@ पॉलीथिन कचरा जमा कराने पर मिलेंगे नकद रुपये… ★क्या आपको पता है कि एक ऐसा भी बैंक है जहां आपको कचरा जमा करने पर पैसे मिलेंगे… ★ रिपोर्ट – (सुनील भारती )”स्टार खबर ” नैनीताल…

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@ पॉलीथिन कचरा जमा कराने पर मिलेंगे नकद रुपये…

★क्या आपको पता है कि एक ऐसा भी बैंक है जहां आपको कचरा जमा करने पर पैसे मिलेंगे…

★ रिपोर्ट – (सुनील भारती )”स्टार खबर ” नैनीताल…

उत्तराखंड -क्या आपको पता है कि एक ऐसा भी बैंक है जहां आपको कचरा जमा करने पर पैसे मिलेंगे। जी हां यह शुरुआत उत्तराखंड के देहरादून से की जा रही है। छावनी परिषद (गढ़ी-देहरादून) ने कचरा बैंक स्थापित किया है। शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने इसका उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि यह देश का प्रथम ऐसा बैंक है, जो घरों व सड़कों से गंदगी को साफ करेगा। साथ ही आमदनी का माध्यम भी बनेगा।। इसके अलावा इस बैंक से पॉलीथिन एकत्र कर आगे भेजा जाएगा, जिससे टाइल्स, बोर्ड, गमले आदि सजावटी सामान बनाए जाएंगे।
रविवार को कैंट रोड स्थित कचरा बैंक के उद्घाटन अवसर पर शहरी विकास मंत्री ने ‘पॉलीथिन एंड ई-वेस्ट कलेक्शन कंपटीशन’ के प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पर रहे प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी किया। रविवार को कैंट रोड स्थित कचरा बैंक के उद्घाटन अवसर पर शहरी विकास मंत्री ने ‘पॉलीथिन एंड ई-वेस्ट कलेक्शन कंपटीशन’ के प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पर रहे प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी किया।
प्रतियोगिता का आयोजन छावनी परिषद की ओर से सैन्य क्षेत्र की रेजिडेंट्स वेल्फेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) के बीच कराया गया था। उन्होंने कहा कि छावनी परिषद देहरादून ने प्लास्टिक कचरे के निस्तारण के लिए गढ़ी व प्रेमनगर में पॉलीथिन कचरा बैंक की स्थापना की है, जहां आम लोग पॉलीथिन कचरा बेच सकते हैं। उन्हें इसका भुगतान किया जाएगा।सर्कुलर इकोनॉमी का अच्छा उदाहरण है कचरा बैंकः अग्रवाल
प्रतियोगिता का आयोजन छावनी परिषद की ओर से सैन्य क्षेत्र की रेजिडेंट्स वेल्फेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) के बीच कराया गया था। उन्होंने कहा कि छावनी 👍परिषद देहरादून ने प्लास्टिक कचरे के निस्तारण के लिए गढ़ी व प्रेमनगर में पॉलीथिन कचरा बैंक की स्थापना की है, जहां आम लोग पॉलीथिन कचरा बेच सकते हैं। उन्हें इसका भुगतान किया जाएगा।सर्कुलर इकोनॉमी का अच्छा उदाहरण है कचरा बैंकः अग्रवाल बैंक में बेचने के लिए कोई भी ला सकता है 15-20 दिन का पॉलीथिन कचराः सीईओ
कैंट बोर्ड के सीईओ अभिनव सिंह ने कहा कि वर्तमान में पॉलीथिन बैग, चिप्स रैपर, पैकिंग बैग, प्लास्टिक के कट्टे आदि को लो वैल्यू प्लास्टिक की श्रेणी में रखा जाता है। इनका न कोई खरीदार हैं और न बाजार। कूड़ा बीनने वाले भी प्लास्टिक की बोतलें, कांच आदि को उठा लेते हैं, पर पॉलीथिन बैग, चिप्स रैपर आदि नहीं लेते। पालीथिन कचरा बैंक इसी समस्या को सुलझाएगा। उन्होंने कहा कि पॉलीथिन आदि से दुर्गंध नहीं आती। इसलिए, लोग 15-20 दिन का पॉलीथिन कचरा एक साथ इकट्ठा कर बेच सकते हैं। कचरा बैंक के उद्घाटन अवसर पर छावनी परिषद के अध्यक्ष ब्रिगेडियर अनिर्बान दत्ता, शायना ईको यूनिफाइड कंपनी के डायरेक्टर नितिन आदि उपस्थित रहे।बिंदाल चौकी, डेयरी फार्म और प्रेमनगर में बैंक का संचालन इसी सप्ताह से
गढ़ी कैट में बिंदाल चौकी, डेयरी फार्म व प्रेमनगर में स्पेशल विंग में पॉलीथिन कचरा बैंक का संचालन इसी सप्ताह आरंभ होगा। इन कचरा बैंक में पॉलीथिन कचरा बैंक में पॉलीथिन बैग, चिप्स रैपर, पैकिंग बैग, प्लास्टिक के कट्टे, ब्रेड, केक, बिस्कुट, कुकीज, स्नैक्स, कुरकुरे, दूध, तेल, शैंपू, हैंडवाश, कैंडीज, गद्दे, पनीर पफ्स, आइसक्रीम, दही, छाछ, जूस आदि की पन्नी, नूडल्स, अनाज, कॉर्नफ्लेक्स, लेपित चीनी, मिष्ठान्न आदि की पैकिंग आदि कचरा तीन रुपये प्रति किलो के हिसाब से खरीदा जाएगा।