नैनीताल – राज्य में अतिक्रमण पर चल रही कार्रवाई पर हाई कोर्ट में आज सुनवाई हुई है..चीफ जस्टिस विपिन सांघी ने तीन अतिक्रमण पर हो रही कार्रवाई के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा है कि अगर किसी के पास दस्तावेज हैं तो वो अधिकारियों को दे सकते हैं और अधिकारी उनको सुनवाई का मौका देकर ही कार्रवाई करें। कोर्ट से स्पष्ट करते हुए कहा है कि अतिक्रमकारी नोटिस का जवाब प्रशासन चाहे वन विभाग हो या फिर लोक निर्माण विभाग वहां दें उस पर उन अधिकारियों को निर्णय लेना होगा…हांलाकि अतिक्रमण को लेकर हाईकोर्ट में चल रही मुख्य याचिका पर कोर्ट 15 सितंबर को होगी आज मुख्य याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकी है…..
दरअसल प्रशासन द्वारा दिये गये नोटिस के बाद ओम प्रकाश बलवीर समेत अन्य ने इन नोटिसों को चुनौति ही और कहा कि प्रशासन जबरन कार्रवाई कर रहा है जब्कि एक मामले में तो वन विभाग 20 साल पहले केश हार गया है..इन याचिकाओं में हाईकोर्ट से राहत की मांग की गई थी..इन तीन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा वो नोटिस का जवाब दें..
आपको बतादें कि हाईकोर्ट ने एक पत्र का संज्ञान लेते हुए राज्य के सभी डीएम और डीएफओ को आदेश दिया है कि सड़कों के साथ नदी किनारों की जमीनों से अतिक्रमण पर कार्रवाई करें और हाईकोर्ट के किसी आदेश का इंतजार ना करें..हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद पूरे राज्य में प्रशासन ने अतिक्रमण पर कार्रवाई शुरु की है जिसकी जद् में राज्य के लाखों लोग है..हाईकोर्ट के निर्देश के बाद होटल रिजार्ट रेस्टोरेंट के साथ हजारों लोगों के मकान खतरे में है और इन पर कार्रवाई की तलवार लटकी है. और प्रशासन लगातार लोगों को नोटिस देकर कार्रवाई का ड़र दिखा रहा है।
इन नोटिस के खिलाफ ओमप्रकाश बलवीर समेत अन्य ने हाईकोट में याचिका दाखिल की और कहा कि प्रशासन जबरन कार्रवाई कर रहा है जब्कि उनके पास जमीनों के दस्तावेज हैं..हाईकोर्ट के अधिवक्ता प्रभाकर जोशी ने कहा कि इस आदेश के बाद अब प्रशासन को नोटिस का जवाब देंगे और प्रशासन को भी पहले मामले का निपटारा करना होगा..