@पहाड़ों की बेटी का कमाल….
★अब ये कामयाबी बचपन का सपना हुआ साकार..
★12 वीं फेल फिल्म देखने के बाद फिर सर कुछ करने का जज्बा जागा,….
★रिपोर्ट- (चंदन सिंह बिष्ट) “स्टार खबर” नैनीताल….
शीतल राज ने 2 साल बाद आज फिर से पूरी यात्रा पूरी की और माउंट यूटी कांगड़ी जिसकी ऊंचाई समुद्र तट से 6070 मीटर / 19, 914फिट पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की।
उन्होंने बताया कि लिगामेंट ऑपरेशन के बाद ऐसा लगा जैसे सब कुछ खत्म हो गया, लेकिन 12वीं फेल फिल्म देखने के बाद उनमें दोबारा काम शुरू करने का जज्बा जाग गया और फिर से शुरुआत कर दी और समिट को सफलतापूर्वक पूरा करने में सफलता प्राप्त की।
जिसके लिए उन्होंने हंस फाउंडेशन को तहे दिल से धन्यवाद दिया ।
उन्होंने कहा कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए एथिकल हिमालय एक्सपीडिशन और उनके पर्वतीय विशेषज्ञों के मार्गदर्शको और साथ ही
मेरा परिवार वाले जिन्होंने हमेशा मेरे अच्छे-बुरे वक़्त में मेरा साथ दिया है उनका भी धन्यवाद देना चाहती हूं।
शीतल ने पूर्व में भी काफी उपलब्धियां हासिल कि है साहसिक खेल का सबसे बड़ा पुरुस्कार तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवार्ड से सम्मानित किया गया है व दुनिया की सबसे कम उम्र की खिलाड़ी है जिन्होंने माउंट , कंचनजंघा, अन्नपूर्णा तथा आदि कैलाश रेंज में माउंट चीपीदंग को सफलतापूर्वक लीड करने वाली महिला है। इन्होंने खेलों इंडिया नेशनल चैंपियन शिप में कांस्य पदक जीता एकबार स्कीइंग करने के दौरान इनके घुटने में गहरी चोट आई जिसके कारण इनके घुटने आप्रेशन करना पड़ा ,पूरे 2 साल बाद फिर से खड़ी हुई शीतल ने -35° में सफलता पूर्वक सम्मिट किया।
जज्बा हो तो सब कुछ हासिल किया जा सकता है विल पावर होनी बहुत जरूरी है।
कड़ी मेहनत काम करती है।उन्होंने कहा इस दौरान सभी का आशीर्वाद मेरे साथ बना रहा जिसके लिए वह सब की आभारी है ।
8000 मीटर के दुनिया में 14 पर्वत है जिसमें
भारत के 9 पर्वतों में आरोहण कर सकते है , बाकी के पर्वत पाकिस्तान में स्थित है।
शीतल ने इनमें से 3 पर्वतों में सफलता पूर्वक आरोहण किया है अब शीतल का 8000 मीटर के 6 पर्वतों पर आरोहण करने का सपना है। इस वर्ष माउंट धोलागिरी और माउंट चोयू जो चीन में स्थित है उसपर आरोहण करेंगी।
वर्तमान में शीतल उत्तराखंड टूरिज्म डिपार्टमेंट में थल विशेषज्ञ के रूप में कांट्रेक्ट बेस में तैनात है।