@बालसाहित्य संस्थान अल्मोड़ा द्वारा बाल लेखन कार्यशाला तीसरा दिन.. ★बच्चों ने अखबार के मोड़ से सरल भाषा में समझा रेखागणित को.. ★रिपोर्ट- (हर्षवर्धन पांडे ) “स्टार खबर ” दिल्ली..

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@बालसाहित्य संस्थान अल्मोड़ा द्वारा बाल लेखन कार्यशाला तीसरा दिन..

★बच्चों ने अखबार के मोड़ से सरल भाषा में समझा रेखागणित को..

★रिपोर्ट- (हर्षवर्धन पांडे ) “स्टार खबर ” नैनीताल..

बेरीनाग (पिथौरागढ़)। बालसाहित्य संस्थान अल्मोड़ा द्वारा उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के सहयोग से आयोजित 5 दिवसीय बाल लेखन कार्यशाला के दूसरे दिन की शुरूआत ‘ज्ञान का दीया जलाने’ विज्ञान गीत से हुई।

कहानी सत्र में बच्चों ने कछुवा और खरगोश की कहानी को अपने-अपने अंदाज में सुनाया। बालप्रहरी संपादक उदय किरौला ने बच्चों को एक कहानी सुनाई। जो वास्तव में कहानी नहीं थी। कहानी को सुनकर बच्चों ने बताया कि इस कहानी में न तो कोई शिक्षा है, न ही कहानी में मजा आया। बच्चों ने अपनी भाषा में बताया कि कहानी में घटना, पात्र, संवाद व देशकाल परिस्थिति जैसा कुछ नहीं हैं। बाद में बच्चों ने समूह में मिलकर एक कहानी तैयार की। अधूरी कहानी पूरी करो व चित्र देखकर कहानी लिखो आदि गतिविधियां कराई गई। बालप्रहरी संपादक एवं बालसाहित्य संस्थान अल्मोड़ा के सचिव उदय किरौला ने बच्चों को ‘घुंघरूं वाला भूत’ कहानी सुनाई। कहानी के माध्यम से बच्चों को क्या क्यों तथा कैसे जैसी वैज्ञानिक चेतना जाग्रत करने की पहल की गई।
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित शिक्षिका एवं साहित्यकार गंगा आर्या के निर्देशन में बच्चों के एक समूह ने बाल कवि सम्मेलन की रिहर्सल की। नुक्कड़ नाटक समूह में चयनित बच्चों को 10 मिनट में एक नाटक स्वयं तैयार करके लाने को कहा गया। बच्चों ने नुक्कड़ नाटक की तैयारी की। बच्चों ने “मोबाइल टन टनाटन टन” के लिए अपने संवाद स्वयं तैयार किए। शिक्षक एवं साहित्यकार दीवानसिंह कठायत ने बच्चों को नुक्कड नाटक की बारीकियां बताई। बालप्रहरी संपादक उदय किरौला ने औरैगैमी के तहत अखबार के मोड़ से सरल भाषा में रेखागणित को समझाया। उन्होंने औरेगैमी शब्द का अर्थ बताते हुए कहा कि औरैगैमी जापानी भाषा का शब्द है। जिसका अर्थ है अखबार के मोड़ से रेखागणित को समझना। बच्चों ने अखबार के मोड़ से आयत, वर्ग, त्रिभुज, पंचभुज, समकोण, सरल कोण, अधिक कोण तथा न्यून कोण आदि को समझा। बाद में बच्चों ने अखबार से बनाए मुकुट बनाकर अतिथियों को पहनाए।
बालप्रहरी संपादक उदय किरौला, बी आर सी समन्वयक जगदीश राज, दीपचंद्र पंत, गंगा आर्या, दीवान सिंह भाकुनी, प्रकाश पंत, हिमांशु उपाध्याय ने अलग-अलग समूह में बच्चों का मार्गदर्शन किया।आज बच्चों ने अपनी हस्तलिखित पुस्तक के लिए निबंध, कहानी, कविता,चुटकुले व पहेलियां आदि तैयार किए। बच्चों ने समूह में दीवार पत्रिका भी तैयार की। विभिन्न प्रतियोगिताओं में रिया आगरी, नैतिक कुमार, भूमिका, कशिश, मानसी, नमन, मनीष, दिव्या, निर्मला, सोनाली,किरन, प्राची
आदि ने पुरस्कार प्राप्त किए। बच्चों द्वारा आज बनाए गए दीवार पत्रिका का लोकार्पण अतिथियों द्वारा किया गया।
बच्चों द्वारा तैयार हस्तलिखित पत्रिका व नुक्कड नाटक की प्रस्तुति के बाद बीआरसी समन्वय जगदीश राज ने कहा कि बच्चों के अंदर छिपी प्रतिभा को निखारने व उन्हें अभिव्यक्ति का अवसर देने के लिए गैर शैक्षणिक गतिविधियां भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि हमारे गांव में आज भी भूत पूजा आदि कई अंधविश्वास व्याप्त हैं। इसलिए जरूरी है कि बच्चों को बचपन से ही वैज्ञानिक सोचसे जोड़ा जाए।