@. मांग… ★. 6 सूत्री मांग को लेकर विधानसभा अध्यक्ष से मिले सरपंच रिपोर्ट (चन्दन सिंह बिष्ट) स्टार खबर

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देहरादून:
उत्तराखंड राज्य के कुमाऊँ व गढ़वाल मंडल के विभिन्न जिलों के वन पंचायत सरपंचों जो जल,जंगल व जमीन के रक्षक व पर्यावरण संरक्षक का एक प्रतिनिधिमंडल उनकी कई वर्षो से लम्बित छ: सूत्रीय मांगों के समाधान के संदर्भ में सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष रितु भूषण खण्डूरी से देहरादून स्थित उनके आवास पर मिला व इन पर विस्तार पूर्वक चर्चा की। इन मांगो में विशेष रूप से-
1- वन पंचायतों को ग्राम प्रधानों के अधीन लाने सम्बन्धी प्रस्ताव जिस पर सम्भवत शासन-प्रशासन द्वारा विचार किया जा रहा है का विरोध करते हुए इसे निरस्त करने हेतु कहा है।
2- वन पंचायतों को वित्तीय व कानूनी अधिकार प्रदान करने हेतु प्रचलित नियमावली में आवश्यक संशोधन करने हेतु कहा है।
3- सलाहाकार परिषद के गठन में सरपंचों को रखा जाए व प्रदेश परामर्श दात्री समिति में भी सरपंचो को रखा जाए।
4- वन पंचायत प्रतिनिधियों की कार्य-क्षमता बढ़ाने हेतु पर्याप्त वित्तीय संसाधन, तकनीकि प्रशिक्षण व सम्मानजनक मानदेय प्रदान करने हेतु मांग की है।
5- वन पंचायतों के अधिकार क्षेत्र में ठेकेदारी व NGO के अनावश्यक हस्तक्षेप को समाप्त किया जाए व वन पंचायत की NOC के बिना कोई कार्य न किया जाए। व साथ ही
6- ग्राम वासियों को उनके हक-हकूक जिसमें वर्ष 1980 से कटौती कर दी गई है, जिससे ग्राम वासी अपनी जरूरत पूर्ण करते थे को वापस करने की मांग की इन मांगो के समर्थन में सकारात्मक रुख अपनाते हुए विधानसभा अध्यक्ष द्वारा अपने स्तर से इनका समाधान करने का आश्वासन दिया गया। विधानसभा अध्यक्ष से मिलने से पूर्व प्रदेश सरपंच संगठन का प्रतिनिधिमंडल वन भवन में प्रमुख वन संरक्षक, उत्तराखंड सरकार, देहरादून से भी मिला एवम उनके स्तर से समाधान किए जाने योग्य ज्ञापन उन्हें भी समाधान हेतु सौंपा प्रतिनिधिमंडल में मात्र शक्ति के रूप में निशा जोशी, बीना बिष्ट, कमलेश जीना के साथ ही वन पंचायत सरपंच संगठन के संरक्षक गनेश चन्द्र जोशी, प्रयाग सिंह जीना, नन्द किशोर, कुतुबद्दीन अमोली, भीम सिंह नेगी, हेम चन्द्र कपिल,दान सिंह कठायत, सुरेन्द्र सिंह,हिम्मत सिंह, त्रिभुवन सिंह,प्रेम कुमार, नयन सिंह मेहरा,प्रकाश भट्ट, कुन्दन सिंह, नरेश सिंह, जगदीश सिंह महर ,विनोद सिंह आदि उपस्थित रहे।