@ नैनीताल कुमाऊँ विश्वविद्यालय में शोध कर चुके मोहित रौतेला ने कहा मेरा शोध कार्य पंडित जी के एकात्म मानववाद को समर्पित…..
★कठिन समय में भी, पूरे मनोयोग के साथ अध्ययन किया…..
रिपोर्ट- (सुनील भारती) ” स्टार खबर” नैनीताल….
नैनीताल कुमाऊँ विश्वविद्यालय में पंडित दीनदयाल उपाध्याय में शोध कार्य चुके मोहित रौतेला का कहना है जब स्वभाव को धर्म के सिद्धांतों के अनुसार बदल जाता है तब हमें सभ्यता एवं संस्कृति की प्राप्ति होती है।पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचार पूरी तरह प्रासंगिक नजर आते हैं।उन्होंने कहा मेरे लिए यह हर्ष का विषय है की मैंने अपना शोध कार्य पंडित जी के एकात्म मानववाद को समर्पित कर उनकी विचार श्रृंखला को आगे बढ़ाया है। शोध कार्य के दौरान एवं पूर्व में मुझे मेरे माता-पिता, गुरुजनों एवं अन्य साथियों का प्यार आशीर्वाद और मार्गदर्शन मिलता रहा। जिस कारण मैं अपने कठिन समय में भी, पूरे मनोयोग के साथ अध्ययन में बना रहा।मोहित रौतेला से डॉक्टर मोहित रौतेला के सफऱ के लिए आज मुझे कुमाऊं विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टरेट की डिग्री प्रदान की गयी है, जो विश्वविद्यालय के इतिहास में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के विचारों पर आधारित पहला शोध है, जो मेरे लिए भी गौरव का विषय है। इस दौरान इन्हें उच्च शिक्षा मंत्री डा.धन सिंह रावत, कुलपति कुमाऊँ विश्वविद्यालय प्रो. दीवान सिंह रावत, कुलपति अल्मोडा प्रो.सतपाल सिंह बिष्ट, परीक्षा नियंत्रक डॉ. महेंद्र राणा, कुलसचिव दिनेश चंद्रा, राज्यमंत्री डॉ. अनिल कपूर डब्बू, आदि लोगों स्नेह आशीर्वाद दिया।