@आईक्यूएसी द्वारा शिक्षण, शोध एवं नवाचार के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए शिक्षकों को किया सम्मानित ….
★अब चुनौती सिर्फ खुद को विकसित करने की नहीं है बल्कि राज्य विश्वविद्यालयों के लिए रोल मॉडल बनने की है – कुलपति प्रो० दीवान एस० रावत….
★रिपोर्ट- (सुनील भारती ) “स्टार खबर” नैनीताल….
नैनीताल/ हमारे समाज के निर्माण में शिक्षक की एक अहम भूमिका होती है, क्योंकि ये शिक्षक ही है जो अपने विद्यार्थियों को समाज में एक अच्छा नागरिक बनाने के साथ उनका सर्वोत्तम विकास भी करता है। उसी शिक्षक को जब कोई अवार्ड या सम्मान मिले तो उनके कार्य करने की क्षमता में कई गुणा इजाफा हो जाता है। इसके साथ ही उसमें और बेहतर करने की जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए कुमाऊं विश्वविद्यालय की आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (आईक्यूएसी) द्वारा शिक्षा एवं शोध के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया गया।
अकादमिक सत्र 2022-23 एवं 2023-24 में राज्य, राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं द्वारा शिक्षण, शोध एवं नवाचार के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित एवं पुरुस्कृत शिक्षकों को कुमाऊं विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में कुलपति प्रो० दीवान एस० रावत द्वारा प्रशस्ति पत्र एवं नकद धनराशि प्रदान कर प्रोत्साहित किया गया।
इस अवसर पर कुलपति प्रो० दीवान एस० रावत ने कहा कि प्रतिवर्ष विश्वविद्यालय में शैक्षणिक, प्रशासनिक और अन्य गतिविधियों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले संकाय सदस्यों, विद्यार्थियों व कर्मचारियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि अब चुनौती सिर्फ खुद को विकसित करने की नहीं है बल्कि राज्य विश्वविद्यालयों के लिए रोल मॉडल बनने की है, ताकि वे कुमाऊं विश्वविद्यालय में हो रही कुछ सर्वोत्तम प्रथाओं का अनुकरण कर सकें। कुलपति प्रो० रावत द्वारा अकादमिक सत्र 2022-23 हेतु प्रो० लज्जा भट्ट, डॉ० मनोज कुमार आर्या, प्रो० अतुल जोशी, डॉ० ऋचा गिन्वाल को एवं अकादमिक सत्र 2023-24 हेतु प्रो० संतोष कुमार, प्रो० ललित मोहन तिवारी, प्रो० अर्चना नेगी साह, प्रो० एन०जी० साहू, प्रो० गीता तिवारी, प्रो० एम०सी० जोशी एवं डॉ० महेंद्र राणा को प्रशस्ति पत्र एवं नकद धनराशि प्रदान कर प्रोत्साहित किया गया। कार्यक्रम के अंत में निदेशक आईक्यूएसी द्वारा सभी का आभार व्यक्त किया गया।
इस अवसर पर कुलसचिव दिनेश चंद्रा, वित्त नियंत्रक अनीता आर्या एवं विश्वविद्यालय के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।