@पद्मश्री डॉ. एस आर रंगनाथन की 132 वी जयंती के अवसर पर पुस्तकालयाध्यक्ष दिवस मनाया गया..
★पुस्तकालय के क्षेत्र में डॉ. रंगनाथन का अतुल्यनीय योगदान..
★रिपोर्ट- (सुनील भारती) “स्टार खबर” नैनीताल…
नैनीताल/ कुमाऊँ विश्वविद्यालय के पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग में डॉ. एस.आर. रंगनाथन की 132वीं जयन्ती को पुस्तकालयध्यक्ष दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. दीवान सिंह बिष्ट को पुष्पगुच्छ एवं पुस्तक भेंट कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
डॉ. रंगनाथन के जन्मदिन को पुस्तकालयाध्यक्ष दिवस के रूप में मनाया जाता है। उनका जन्म तमिलनाडु के तंजावुर जिले के शियाली गाँव में 1892 हुआ। पुस्तकालय विज्ञान के क्षेत्र में उनकी मौलिक सोच के लिए उन्हें दुनिया भर में व्यापक रूप से जाना जाता है। भारत में उन्हें “ पुस्तकालय विज्ञान का जनक ” भी कहा जाता है। पुस्तकालय के क्षेत्र में डॉ. रंगनाथन का अतुल्यनीय योगदान है। उनके प्रमुख कार्यों में पुस्तकालय विज्ञान के पाँच नियम, कोलन वर्गीकरण, वर्गीकृत कैटलॉग कोड, और पुस्तकालय प्रबंधन के सिद्धांत इत्यादि हैं।
डॉ. रंगनाथन को ही भारत में पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान शिक्षा का अग्रणी माना जाता है। वर्ष 1957 में भारत सरकार द्वारा डॉ. रंगनाथन को पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान क्षेत्र में उनके बहुमूल्य योगदान हेतु पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया।