@ऐसा क्यों लगता है कि धूम्रपान हमें आराम करने में मदद करता है?… ★तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत आरoकेoएसoकेo काउंसलर एवं ब्लॉक आशा समन्वयक के साथ एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन…. ★रिपोर्ट- (सुनील भारती) “स्टार खबर ” नैनीताल…

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@ऐसा क्यों लगता है कि धूम्रपान हमें आराम करने में मदद करता है?…

★तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत आरoकेoएसoकेo काउंसलर एवं ब्लॉक आशा समन्वयक के साथ एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन….

★रिपोर्ट- (सुनील भारती) “स्टार खबर ” नैनीताल…

नैनीताल/ आज को मुख्य चिकित्सा अधिकारी नैनीताल के दिशा निर्देश में राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत आरoकेoएसoकेo काउंसलर एवं ब्लॉक आशा समन्वयक के साथ एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर गणेश धर्मसत्तू की अध्यक्षता में की गई।
कार्यशाला में सर्वप्रथम जिला कार्यक्रम प्रबंधक मदन मेहरा द्वारा NCD के अंतर्गत संचालित राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के उद्देश्य एवं इसकी रूपरेखा पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई।
सोसल वर्कर हरेंद्र कठायत द्वारा कार्यशाला में तंबाकू से होने वाली हानियां एवं कोटपा एक्ट- 2003 के धारा 4, 5, 6 और 7 के बारे में एवं टॉफी गाइडलाइन के बारे में विस्तृत पूर्वक जानकारी दी गई , साथ ही मनोचिकित्सक डॉक्टर हिमांशु कांडपाल द्वारा मानसिक रोग के कारक एवं कारण पर प्रतिभागियों को जानकारी दी गई। उनके द्वारा धूम्रपान और मानसिक स्वास्थ्य पर कहा गया कि हम सभी जानते हैं कि धूम्रपान छोड़ने से शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
लेकिन यह आपके मानसिक स्वास्थ्य और खुशहाली को भी बढ़ावा दे सकता है: यह मूड को बेहतर कर सकता है और तनाव, चिंता और अवसाद को दूर करने में मदद कर सकता है।
अधिकांश धूम्रपान करने वाले कहते हैं कि वे धूम्रपान छोड़ना चाहते हैं, लेकिन कुछ लोग धूम्रपान जारी रखते हैं क्योंकि ऐसा लगता है कि धूम्रपान करने से तनाव और चिंता दूर होती है ।
यह आम धारणा है कि धूम्रपान करने से आपको आराम मिलता है। लेकिन धूम्रपान वास्तव में चिंता और तनाव बढ़ाता है।
डॉ गणेश धर्मसतु द्वारा कहा गया कि अवसादग्रस्त वयस्कों में धूम्रपान करने की संभावना अवसादग्रस्त न होने वाले वयस्कों की तुलना में कहीं अधिक होती है। ऐसा क्यों लगता है कि धूम्रपान हमें आराम करने में मदद करता है? सिगरेट पीने से मस्तिष्क में कुछ रसायनों पर असर पड़ता है।जब धूम्रपान करने वालों ने काफी समय तक सिगरेट नहीं पी होती, तो एक और सिगरेट पीने की लालसा उन्हें चिड़चिड़ा और चिंतित महसूस कराती है। सिगरेट जलाने पर ये भावनाएँ अस्थायी रूप से कम हो सकती हैं। इसलिए धूम्रपान करने वाले लोग बेहतर मूड को धूम्रपान से जोड़ते हैं। वास्तव में, धूम्रपान के प्रभाव ही सबसे पहले चिंता का कारण बनते हैं। धूम्रपान छोड़ने से मूड बेहतर होता है और चिंता कम होती है। व किस प्रकार मानसिक रोगियों की काउंसलिंग की जा सकती है इस पर भी प्रतिभागियों को बताया गया. डॉ मेघना मेघना परवल काउंसलर NTCP द्वारा तंबाकू का प्रयोग करने वाले लोगों की काउंसलिंग के तरीकों पर प्रतिभागियों को जानकारी दी गई. कार्यशाला में श्री सरयू नंदन जोशी, हेम जलाल, मनोज बाबू, सपना कांडपाल, देवेंद्र बिष्ट एवं द्वारा किया गया।