@कुमाऊं आयुक्त एवं सचिव मुख्यमंत्री दीपक रावत ने किया राजकीय प्रजनन उद्यान भीमताल में औचक निरीक्षण…. ★आयुक्त के छापे में कई प्रकार की मिली खामियां… ★रिपोर्ट- (सुनील भारती ) “स्टार खबर ” नैनीताल…

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@कुमाऊं आयुक्त एवं सचिव मुख्यमंत्री दीपक रावत ने किया राजकीय प्रजनन उद्यान भीमताल में औचक निरीक्षण….

★आयुक्त के छापे में कई प्रकार की मिली खामियां…

★रिपोर्ट- (सुनील भारती ) “स्टार खबर ” नैनीताल…

भीमताल- कुमाऊं आयुक्त एवं सचिव मुख्यमंत्री दीपक रावत ने गुरुवार देर शाम राजकीय प्रजनन उद्यान भीमताल में औचक निरीक्षण किया। जिसमें कई प्रकार की खामियां पाई गई। जिस पर आयुक्त ने तत्काल राजकीय प्रजनन उद्यान भीमताल के परंपरागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत संचालित आउटलेट को सील करने के निर्देश दिया। कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने अचानक राजकीय प्रजनन उद्यान भीमताल में स्थित परंपरागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत बने हुए आउटलेट का निरीक्षण किया। इस दौरान बताया कि शिकायत मिली थी कि किसानों को मिलने वाला बीज गुणवत्तापूर्ण नहीं है साथ ही कई प्रकार की खामियां भी पाई गई है। उन्होंने मटर बीज के पैकेजिंग के बारे में जानकारी ली, साथ ही बार कोड़ स्कैन न होने, कट्टो की आपूर्ति 20 किलो और बीज प्रमाणीकरण सहित कई अन्य खामिया पाई। उद्यान विभाग को 20 किलो के मुताबिक बीजों की आपूर्ति करनी थी जबकि मौके पर 40 किलो की पैकेजिंग पाई गई। साथ ही भेषज विभाग को बीजों की आपूर्ति करनी थी। उनके प्रमाणीकरण पुष्टि नहीं मिली। विभाग द्वारा उचित जवाब नहीं मिलने पर उन्होंने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए राजकीय प्रजनन उद्यान भीमताल के आउटलेट को सील करने के निर्देश दिए। साथ ही उद्यान विभाग और भेषज विभाग के द्वारा पूरे दस्तावेज नहीं मिलने पर स्पष्टीकरण माँगा और जल्द ही पूरी रिपोर्ट देने को कहा। कहा कार्य में लापरवाही करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।आयुक्त दीपक रावत ने बताया कि माननीय मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देश हैं कि किसान को फसलों का बीज गुणवत्तापूर्ण एवं पारदर्शी तरीके से वितरित किया जाए। इसी के दृष्टिगत उनके द्वारा भीमताल स्थित उद्यान विभाग के परंपरागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत संचालित हो रहे आउटलेट का निरीक्षण किया गया है जिसमें कई प्रकार की खामियां मिली हैं जिसके बाद उन्होंने उक्त आउटलेट को सील करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही इस संबंध में किसान को गुणवत्तापूर्ण और पारदर्शी तरीके से फसलों के उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं।