@उत्तराखंडी सिनेमा में दर्शक देख सकेंगे उत्तराखंड की परम्पराओं की झलक… ★पहाड़ी फ़िल्म गढ़-कुमौं’,हल्द्वानी व देहरादून में रिलीज… ★रिपोर्ट- (सुनील भारती ) “स्टार खबर” नैनीताल

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@उत्तराखंडी सिनेमा में दर्शक देख सकेंगे उत्तराखंड की परम्पराओं की झलक…

★पहाड़ी फ़िल्म गढ़-कुमौं’,हल्द्वानी व देहरादून में रिलीज…

★रिपोर्ट- (सुनील भारती ) “स्टार खबर” नैनीताल..

नैनीताल/ उत्तराखंड के प्रख्यात लेखक और निर्देशक अनुज जोशी की नई फिल्म ‘गढ़-कुमौं’ रिलीज़ हो गई है। जिसे देहरादून के सेंट्रियो मॉल और हल्द्वानी के वॉकवे मॉल में देखा जा सकता है। फिल्म के निर्माता हरित अग्रवाल का कहना है कि यह फ़िल्म गढ़वाल और कुमाऊं के पारस्परिक रिश्तों पर आधारित फैमिली ड्रामा है।उन्होंने बताया कि इस फिल्म की कहानी गढ़वाल और कुमाऊं के दो समाजों के बीच सदियों से चली आ रही कड़वाहट दूर करने की कोशिश करती है। रोमांस, ट्रेजडी और हल्की-फुल्की हास्य के साथ, यह फिल्म दोनों क्षेत्रों के परिवारों की आपसी चुहल और भावनात्मक जुड़ाव को बड़े पर्दे पर पेश करती है।फिल्म में उत्तराखंड के कलाकारों ने अपने किरदारों के साथ फ़िल्म में जान डाल दी है। मुख्य कलाकारों में अंकिता परिहार, संजू सिलोड़ी, सुशील पुरोहित, राकेश गौड़, गोकुल पंवार, गम्भीर ज्याड़ा, अनिल शर्मा, डॉ. सुनीत नैथानी, बिनीता नेगी और आशा पांडे शामिल हैं।अनुज जोशी ने इससे पहले ‘मेरु गौं’, ‘तेरी सौं’, ‘असगार’ और ‘अजाण’ जैसी सफल फिल्में बनाई हैं, जो उत्तराखंड की संस्कृति और परंपराओं को दर्शाती हैं। निर्माता हरित अग्रवाल का कहना है कि ‘गढ़-कुमौं’ केवल एक फिल्म नहीं, बल्कि उत्तराखंड की एकता और सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करने का प्रयास है। उनका मानना है कि यह फिल्म उत्तराखंडी सिनेमा को राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिलाने में मदद करेगी।गढ़-कुमौं उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और सामाजिक ताने-बाने को बड़े पर्दे पर दर्शाने का एक बेहतरीन प्रयास है। यह फिल्म स्थानीय दर्शकों के साथ-साथ देशभर में उत्तराखंड की अनूठी परंपराओं को प्रस्तुत करने में मील का पत्थर साबित हो सकती है