@ कैडेट्स ने पूछे नौसेनाअध्यक्ष से सवाल ………
…….भारतीय नौसेन अध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार ने अधिकारियों व कुमाऊं विश्विद्यालय नैनीताल के नेवल एनसीसी कैडेट्स से की मुलाकात……
…स्टार खबर सुनील भारती नैनीताल….
भारतीय नौसेना अध्यक्ष एडमिरल आर हरी कुमार PVSM, AVSM, VSM, ADC नैनीताल में आधिकारिक कार्यक्रम पर रहे , इस दौरान उनके द्वारा एनसीसी के अधिकारियों व कुमाऊं विश्विद्यालय नैनीताल के नेवल एनसीसी कैडेट्स से मुलाकात की गई। अपने कार्यक्रम के दौरान भारतीय नौसेना अध्यक्ष नैनीताल मैं एनसीसी ग्रुप मुख्यालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
इस अवसर पर एडमिरल आर हरी कुमार द्वारा एनसीसी कैडेट्स को संबोधित किया गया और उन्हे भारतीय नौसेना के युद्धपोतो में भ्रमण करने तथा विदेश यात्रा करने के अधिक अवसर प्रदान करने की बात की गयीं।
नौसेनाध्यक्ष ने अपने संबोधन में कहा कि यदि आप सशस्त्र बलों में शामिल होना चाहते हैं तो समर्पण, प्रेरणा, आत्म-जागरूकता, धैर्य, वर्दी के लिए प्यार, व्यवहार, अनुशासन, नेतृत्व, रवैया, कृतज्ञता, ध्यान, विनम्रता, अपने शब्दों के लिए हमेशा ईमानदार होना जरूरी है ।अगर आप इन सब चीजों पर काम करते हैं तो आप वह सब कुछ हासिल कर सकते हैं जो आप चाहते हैं। एनसीसी कैडेट का योगदान महत्वपूर्ण हैं क्योंकि आप स्वेच्छा से सम्मिलित होते है और एनसीसी कैडेट होने के नाते आप भी सशस्त्र बल की तरह देश की सेवा करते हैं।
राष्ट्रीय कैडेट कोर एक प्रमुख युवा संगठन है, जो भारत में सबसे ज़्यादा युवाओं की भागीदारी करता है। यहां तक कि वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी भी एक पूर्व-एनसीसी कैडेट थे, जिन्होंने संगठन की प्रतिष्ठित प्रतिष्ठा का प्रदर्शन किया। एक स्वैच्छिक संगठन होने के बावजूद एनसीसी में उत्साही कैडेटों की अधिकतम भागीदारी देखी गई है।
एनसीसी प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले कई कैडेट भारतीय रक्षा बलों में शामिल होने के लिए बहुत उत्साह दिखाते हैं। हाल के अग्निवीर बैचों में, सफल उम्मीदवारों की एक बड़ी संख्या एनसीसी कैडेट थे। एनसीसी न केवल इस तरह के प्रदर्शन के अवसर प्रदान करता है, बल्कि नेतृत्व, कामरेडशिप और टीम प्रबंधन सहित महत्वपूर्ण कौशल भी प्रदान करता है, जो जीवन के विभिन्न पहलुओं में अमूल्य हैं।
उन्होंने कहा कि अधिक किताबें पढ़ना विफलताओं को कम करने में सहायक हो सकता है, क्योंकि लेखक अक्सर अपने 20 से 30 वर्षों के अनुभव के ज्ञान को साझा करते हैं। उनकी गलतियों से सीखना नुकसान से बचने के लिए अमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकता है। जैसा कि कहा जाता है, “हर पाठक जरूरी नहीं कि एक नेता हो, लेकिन हर महान नेता एक उत्साही पाठक होता है।” उन्होंने कहा कि वो आज भी 200 पृष्ठ प्रतिदिन पड़ते है।
भारतीय नौसेना अध्यक्ष द्वारा एनसीसी कैडेट्स के साथ दोपहर के भोजन के दौरान चर्चा की गई और उनके द्वारा कैडेट्स का मार्गदर्शन किया गया और उन्हें बेहतर भविष्य बनाने के लिए प्रोत्साहित किया।
उन्होंने कैडेट्स के सवाल कि -हम असफलताओं को कैसे संभालें क्योंकि जीवन में उतार-चढ़ाव महत्वपूर्ण हैं, का उत्तर देते हुए एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि असफलता को संभालने में इसे स्वीकार करना और इससे सीखना शामिल है, क्योंकि असफलता सफलता का एक मूलभूत हिस्सा है। असफलता महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सफलता प्राप्त करने के बारे में मूल्यवान सबक प्रदान करती है।
ऑनलाइन कोर्स करने के क्या फायदे व नुकसान हैं, सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आज की दुनिया में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म में कई चीजों के बारे में अध्ययन करने और ज्ञान प्राप्त करने के लिए बहुत सारी जानकारी है। हालांकि मोबाइल फ़ोन के अति प्रयोग से बचना आवश्यक है। ऑनलाइन कोर्स के दोनों फायदे हैं और नुकसान इससे समय की काफी बचत होती है, साथ ही ऑनलाइन पाठ्यक्रम ऑफलाइन पाठ्यक्रमों की तुलना में बहुत सस्ते होते हैं अगर हम नुकसान की बात करें तो छात्र मोबाइल प्लेटफॉर्म पर अधिक निर्भर है जिससे वह आपको कई तरह से नुकसान पहुंचा सकता है साथ ही छात्र और शिक्षक की बातचीत भी आभासी होती है। शिक्षक और छात्र दोनों उन्हें आभासी रूप से देखते हैं जिससे शिक्षक भावनात्मक और मानसिक रूप से छात्रों से नहीं जुड़ पाएंगे जिससे छात्रों को शिक्षक को समझने में कठिनाई होगी दूसरे हाथ में ऑफ़लाइन पाठ्यक्रमों में शिक्षक और छात्रों के साथ परस्पर जुड़े हुए हैं और उन्हें उचित तरीके से ऑनलाइन समझा सकते है। और अधिक से अधिक छात्रों को ई-पाठ्यक्रमों के आधार पर किताबें पढ़नी चाहिए। पढ़ना सबसे अच्छी आदत है जो एक व्यक्ति के पास हो सकती है क्योंकि हर बार ऑनलाइन सीखने से मदद नहीं मिल सकती है आपको कुछ ऐसा पढ़ना होगा जिससे आपका ज्ञान बढ़ सके और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आपकी सामाजिक आदतें विकसित होंगी जो एक सबसे महत्वपूर्ण चीज है जो एक व्यक्ति के पास हो सकती है।
अगर आपको जीवन में सफल होना है तो आपको अपने चरित्र पर काम करना होगा आपका व्यक्तित्व, दृष्टिकोण, कृतज्ञता, अनुशासन और सबसे महत्वपूर्ण बात सुधार की भूख। यदि आप समर्पित रूप से इन कौशलों पर काम करते हैं तो आपको जीवन में सफल होने से कोई नहीं रोक सकता।
इस काम के बाद आपको जो फल मिलेगा उसके बारे में कभी न सोचें हमेशा उस काम के बारे में सोचें कि आपको क्या काम दिया गया है और उस काम को कैसे सर्वश्रेष्ठ रूप में पूरा करना है।
सीनियर कैडेट कैप्टन हर्षित जोशी, यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम के कैडेट दाबेश कोरंगा, ओवरसीज डिप्लॉयमेंट कैडेट कैप्टन अरिंन राणा, कैडेट कशिश खान, कैडेट तनुजा जलाल आदि द्वारा नौसेनाध्यक्ष से सवाल पूछे गए।
भारतीय रक्षा सेनाओं के अध्यक्ष द्वारा किसी यूनिट के एनसीसी कैडेट्स को संबोधित किए जाने का यह पहला महत्वपूर्ण अवसर था और अब तक के इतिहास में पहली बार भारतीय नौसेना अध्यक्ष द्वारा किसी कार्यक्रम में नैनीताल स्थित एनसीसी मुख्यालय तथा एनसीसी यूनिट का दौरा किया गया।
इस कार्यक्रम में ग्रुप कमांडर नैनीताल ग्रुप कमोडोर बल राजेश कुमार द्वारा भारतीय नौसेना अध्यक्ष का स्वागत और अभिनंदन किया गया तथा 05 यूके नेवल यूनिट एनसीसी के कमान अधिकारी कैप्टन विजय नेगी द्वारा आभार ज्ञापित किया गया।
इस महत्वपूर्ण अवसर पर नैनीताल ग्रुप मुख्यालय के प्रशासनिक अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल गोविंद सिंह कनवाल, प्रशिक्षण अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल हितेश काला, 79 बटालियन के कमान अधिकारी कर्नल अजय सिंह, सैनिक स्कूल घोड़ाखाल के वाइस प्रिंसिपल कमांडर नागराजन, कुमाऊं विश्वविद्यालय के एनसीसी अधिकारी सब लेफ्टिनेंट डॉक्टर रीतेश साह, चीफ इंस्ट्रक्टर सुनीत बलूनी, नितेश चंद्रा, शिवराज वर्मा, जयभान सिंह, सूंदर, हेमंत, भगवत बिष्ट, कमलेश जोशी ग्रुप मुख्यालय तथा नेवल यूनिट के सभी कर्मचारी तथा डीएसबी परिसर कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल के नेवल एनसीसी कैडेट्स भी सम्मिलित रहे।