@चिकित्सा अधिकारी नैनीताल के सभागार मे नव नियुक्त ए०एन०एम० को ‘’पल्स एनीमिया महा अभियान’’ के सम्बन्ध मे प्रशिक्षण..
★रिपोर्ट- (सुनील भारती ) “स्टार खबर” नैनीताल..
नैनीताल। नैनीताल अनीमिया मुक्त भारत ‘’पल्स एनीमिया महा अभियान’’ ‘’आयरन से शक्ति , अनीमिया से मुक्ति’’, का आयोजन 3 फरवरी से जनपद मे आयोजित किया जाना है, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत आज जनवरी को कार्यालय मुख्य चिकित्सा अधिकारी नैनीताल के सभागार मे नव नियुक्त ए०एन०एम० को ‘’पल्स एनीमिया महा अभियान’’ के सम्बन्ध मे प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
प्रशिक्षण मे मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एच सी पन्त द्वारा बताया गया की प्रत्येक गर्भवती महिला व् उनके संबंधितों को अनीमिया: लक्षण, पहचान, प्रकार, अनीमिया होने का कारण और इसके दुष्प्रभाव के विषय मे अवश्य अवगत कराया जाये. सामान्य अर्थो में खून की कमी को अनीमिया कहते है। यह अवस्था भोजन में लौह तत्व की कमी अथवा अपर्याप्त अवशोषण से हिमोग्लोबिन के स्तर में कमी आने पर उत्पन्न होती है। इसे लाल रक्त कोशिकाओं (आर.बी.सी) की संख्या और शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा में कमी भी कहा जा सकता है। आर.बी.सी. की पूरे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने में अहम भूमिका होती है। अनीमिया एक मूक महामारी है जो हमारे शारीरिक विकास, मानसिक और कार्य क्षमता और आने वाली पीढ़ियों के जीवन को प्रभावित कर रही है। आयरन की कमी से होने वाला अनीमिया, अनीमिया का सबसे आम रूप है, जो अनीमिया के 50% मामलों में योगदान देता है और यह समय के साथ विकसित होता है। 11 ग्राम या 11 ग्राम से अधिक हिमोग्लोबिन स्तर वाली गर्भवती महिला सामान्य की श्रेणी मे, 10 ग्राम से 10.9 ग्राम हिमोग्लोबिन स्तर वाली गर्भवती महिला हल्के अनीमिया की श्रेणी मे, 07 ग्राम से 9.9 ग्राम हिमोग्लोबिन स्तर वाली गर्भवती महिला माध्यम अनीमिया की श्रेणी मे, 07 ग्राम से कम हिमोग्लोबिन स्तर वाली गर्भवती महिला गंभीर अनीमिया की श्रेणी मे आती है।
प्रशिक्षण मे अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संजीव खर्कवाल द्वारा बताया गया की अनीमिया के संकेतों मे लालिमा की कमी व फीकापन (नीचे की पलकों में अंदर की ओर), जीभ मुंह में घाव, हाथों का पीलापन, मुंह के कोने फटना, नाजुक व चम्मच के आकार के नाखून है. अनीमिया के सामान्य लक्षणों मे चक्कर आना, घबराहट, थकान, उर्जा में कमी, विशेष रूप से व्यायाम के दौरान असामान्य रूप से दिल की धडकन तेज होना व लगातार सिरदर्द होना, सांस लेने में परेशानी, सुस्ती, खेलने और पढ़ाई में रूचि की कमी ,ध्यान केन्द्रित करने में परेशानी, पैरों में ऐठन ,संक्रमण से प्रतिरोधक क्षमता में कमी आदि पाए जाते है.
जिला कार्यक्रम प्रबंधक एन एच एम, मदन मेहरा ने अवगत कराया की दिनांक 3 फरवरी एनीमिया मेगा अभियान के दिन समस्त आयुष्मान आरोग्य मंदिरों मे समस्त गर्भवती महिलाओ की हिमोग्लोबिन जाँच की जाएगी, इस दिवस मे जो गर्भवती महिलाये जांच से छूट जाएगी 4 फ़रवरी से 10 फरवरी तक सघन अभियान चलाकर उनकी जांच की जाएगी. ये भी कहा गया की सघन प्रचार प्रसार कार्यक्रम आयोजित कर प्रत्येक गर्भवती महिला को जाँच हेतु प्रेरित किया जायेगा । गभीर एनीमिया या मध्य एनीमिया वाली सभी गर्भवती महिलाओं को उचित देखभाल और प्रबंधन के लिये नामित उपचार स्थलों पर रेफर किया जायेगा. सभी गर्भवती महिलाओं के लिये मासिक एनीमिया जांच की प्रक्रिया को स्थाई रूप से स्थापित करना और प्रोटोकाल के अनुसार उपचार सुनश्चित किया जाय।
प्रशिक्षण मे मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एच सी पन्त, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संजीव खर्कवाल, डॉ गणेश धर्मसतु, जिला कार्यक्रम प्रबंधक मदन मेहरा, पंकज तिवारी, हेम जलाल, मनोज बिष्ट, दिपेश, मनोज बाबू, हरेन्द्र कठायत, सतीश सती, सपना, सी एम् तिवारी आदि उपस्थित रहे। संचालन जिला कार्यक्रम प्रबंधक एन एच एम, मदन मेहरा द्वारा किया गया.