@नैनीताल शहर में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सर्वोत्तम प्रथाओं का आकलन.. ★रिपोर्ट-(सुनील भारती) “स्टार खबर” नैनीताल..

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नैनीताल। राजनीति विज्ञान विभाग के तत्वावधान में नैनीताल शहर में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सर्वोत्तम प्रथाओं का आकलन( असेसमेंट ऑफ़ सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट बेस्ट प्रैक्टिसेज इन नैनीताल टाउन) पर एक कार्यशाला का आयोजन महिला अध्ययन केंद्र कुमाऊं विश्वविद्यालय के अंतर्गत किया गयाl इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य यही है कि विभिन्न प्रकार का कचरा जमा हो जाता है इसका प्रबंधन किस प्रकार से किया जा रहा हैl उसमें क्या समस्याएं आ रही है lहम आगे उसका प्रबंधन किस प्रकार से कर सकते हैं जिससे इस कचरे को इकट्ठा करना और उसका प्रसंस्करण करना फिर उसका निपटान करना शामिल हैl यह कार्यशाला प्रोफेसर नीता बोरा शर्मा के प्रोजेक्ट के अंतर्गत की गई lकुमाऊं विश्वविद्यालय के अंतर्गत माननीय कुलपति के द्वारा प्राध्यापकों को शोध कार्य करने के लिए फंडिंग प्रदान की गई है उसी के अंतर्गत आज इस कार्यशाला का आयोजन किया गया l इस कार्यशाला के उद्देश्य के अनुरूप विभिन्न क्षेत्रों में जो नीति निर्माता, शोधार्थी अधिकारी, म्युनिसिपल अथॉरिटी, पर्यावरणविद् , विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों, शिक्षकों और अन्य नागरिकों को शामिल करने का प्रयास किया गयाl कार्यशाला अत्यंत सफल रही इस कार्यशाला का शुभारंभ नगर पालिका अध्यक्ष डॉक्टर सरस्वती खेतवाल के द्वारा किया गया और उन्होंने कहा की नगरपालिका इस ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए निरंतर प्रयास जारी रखेगी और आम नागरिकों के विचारों और सुझावों को भी स्थान दिया जाएगा lइस कार्यशाला के अंतर्गत प्रथम सत्र में विनोद सिंह जीना नगर पालिका परिषद नैनीताल, विपिन चंद्, धर्मेंद्र प्रसाद नगर पालिका परिषद नैनीताल के द्वारा महत्वपूर्ण जानकारियां प्रस्तुत की गईl उनके द्वारा विस्तार से बताने का प्रयास किया गया की किस प्रकार से नगर पालिका के द्वारा अपनी कूड़ा उठाने वाली गाड़ियों और कर्मचारियों के माध्यम से इस दिशा में प्रयास किया जा रहा है lद्वितीय सत्र प्रोफेसर नंद गोपाल साहू के सारगर्भित व्याख्यान से प्रारंभ हुआ I नंद गोपाल साहू जी ने बताया कि उनके द्वारा इस दिशा में क्या-क्या काम किया जा रहा है और हम किस प्रकार से विभिन्न प्रकार से जो प्लास्टिक कपड़ा, चमड़ा ,लकड़ी ,कांच धातु आदि का पुनः उपयोग कर सकते हैं रीसायकल कर सकते हैं और हम कैसे पुनर्चक्रीट जैसे सिद्धांतों का पालन करके ठोस कचरे की मात्रा को कम कर सकते हैंl इस सत्र में प्रतिभागियों ने उनसे विभिन्न जानकारियां प्राप्त की की किस प्रकार से हम अपने-अपने जगह पर काम कर सकते हैं lइस सत्र में डॉक्टर रेनू बिष्ट जिनको राष्ट्रीय सेवा योजना में राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त हुआ उन्होंने भी स्वच्छता पर व्यापक रूप से अपनी बात रखीl डॉक्टर किरण तिवारी जो महिला अध्ययन केंद्र में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं और चेलि आर्ट्स के माध्यम से निरंतर कार्य कर रहे हैं उनके द्वारा ठोस अपशिष्ट का पृथक्करण और उपयोग विषय पर प्रजेंटेशन दिया गयाl उन्होंने बताया कि किस प्रकार से हम पूजा में प्रयोग करने वाले नारियल को फेंकने के स्थान पर उसकी विभिन्न वस्तुएं बना सकते हैं l कैसे हम फूलों से रंग बनाकर कपड़ों को रंग सकते हैं होली के रंग बना सकते हैं और उन्होंने सभी को इस कार्यशाला से कुछ ना कुछ सीख कर जाने की प्रेरणा प्रदान की l इस प्रोजेक्ट में डॉक्टर हिरदेश कुमार, प्रोफेसर नीता बोरा शर्मा के साथ प्रमुख रूप से कार्य कर रहे हैं lसाथ ही शोधार्थी समृद्धि बिष्ट ने विस्तार से इस कार्यशाला का संचालन किया l इस कार्यशाला में भारतीय शहिद सैनिक विद्यालय के प्रधानाचार्य विशन सिंह मेहता, मीनाक्षी नेहा और उनके बाल सैनिक ,राष्ट्रीय सही सैनिक स्मारक विद्यापीठ की ममता, चंपा और उनके बाल सैनिक ,आईपीएसड, डॉक्टर मनोज सिंह बिष्ट और उनके विद्यार्थी और राजेंद्र प्रसाद लॉ कॉलेज से वी के रंजन और उनके विद्यार्थी ,राजनीति विज्ञान विभाग डीएसबी परिसर से कपिल, पूजा और कई विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया lकार्यशाला के अंतर्गत डॉक्टर मोहित रौतेला ,डॉक्टर भूमिका ,डॉक्टर रुचि मित्तल, डॉक्टर इंदर ,अविनाश जाटव ने भी अपने विचार रखेंl विभिन्न स्कूलों से आए विद्यार्थियों ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के संदर्भ में अपने विचार प्रस्तुत कियाl कार्यशाला में राजेंद्र ,राकेश कुमार ,सचिन कुमार, ने विशेष सहयोग प्रदान किया l कार्यशाला प्रातः 10:00 बजे से शाम 4:00 तक व्यापक चर्चाओं और निष्कर्ष के साथ संपन्न हुई l
कार्यशाला के अंत में प्रोफ़ेसर नीता बोरा शर्मा के द्वारा सभी का आभार व्यक्त करते हुए माननीय कुलपति का भी आभार प्रकट किया जिन्होंने हमें इस तरह की महत्वपूर्ण कार्यशाला के लिए प्रोत्साहित किया है l