नैनीताल। वनाग्नि काल 2025 में वनाग्नि के प्रभावी नियंत्रण व रोकथाम के लिए नैनीताल वन प्रभाग, नैनीताल की मनोरा रेंज में हल्द्वानी नैनीताल मोटर मार्ग में फायर ड्रिल का आयोजन किया गया। उप प्रभागीय वनाधिकारी व वन क्षेत्रधिकारी, मनोरा रेंज के नेतृत्व में मनोरा रेंज के 75 व भवाली रेंज के 25 कर्मचारियों ने फायर ड्रिल में आग बुझाने के तरीके सीखे।
उप प्रभागीय वनाधिकारी राज कुमार ने बताया कि वन विभाग की ओर से फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इण्डिया की साईट पर प्रतिदिन निगरानी रखी जा रही है। साथ ही वर्षामापी यंत्रों व मौसम विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के आधार पर वनाग्नि की दृष्टि से संवेदनशील वन क्षेत्रों में विशेष निगरानी एवं सतर्कता बरती जा रही है। विभाग द्वारा 300 से अधिक संख्या में स्थानीय ग्रामीणों / वन पंचायत सरपंचों एवं स्थानीय ग्रामीणों को जोड़ा गया है तथा एप के माध्यम से बहुत ही न्यून समयान्तर्गत विभाग द्वारा त्वरित कार्यवाही की जा रही है। वन विभाग द्वारा विभिन्न शिक्षण संस्थानों / विश्वविद्यालयों एवं सरकारी एवं अर्द्धसरकारी संस्थानों में वनाग्नि काल में वनों की अग्नि से सुरक्षा एवं व्यापक रणनीति एवं प्रचार प्रसार हेतु संस्थानों के प्रमुखों के साथ गोष्ठी एवं समन्वय स्थापित कर वनाग्नि के दुष्परिणामों के प्रति जागरूक किया गया है।
बतया कि नैनीताल वन प्रभाग, नैनीताल अन्तर्गत वनाग्नि काल 2025 में वनाग्नि के प्रभावी नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु कुल 70 क्रू स्टेशन स्थापित किये गये हैं, जिनमें प्रत्येक क्रू स्टेशन में चार-चार फायर वाचरों की तैनाती प्रस्तावित की गई है। प्रभाग द्वारा विगत वनाग्नि काल 2024 में वनाग्नि से प्रभावित क्षेत्रों को जीआईएस मैपिंग की गई है। संवेदनशील वन क्षेत्रों मोटर मार्गों के समीप विभाग द्वारा वनाग्नि के सम्बन्ध में चेतावनी बोर्ड स्थापित किये गये हैं।
वनाग्नि की दृष्टि से संवेदनशील मोटर मार्गों / राष्ट्रीय मार्गों आदि में फायर मोबाईल फायर टेण्डर की तैनाती की कार्यवाही की गई है। वनाग्नि काल 2025 के दौरान वनाग्नि नियंत्रण तथा प्रबंधन में सामुदायिक सहभागिता को बढ़ाने के लिए कुमाऊँ मंडल के अंतर्गत शीतलाखेत में जनसहभागिता के माध्यम से वनाग्नि घटनाओं को न्यून करने के सफल प्रयासों का अन्य वन प्रभागों और वन क्षेत्र में विस्तार किए जाने के लिए वन विभाग के अग्रिम पंक्ति के फील्ड कर्मियों, स्वयं सहायता समूहों, महिला मंगल दलों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों को शीतला खेत में वनाग्नि के सफल प्रबंधन से रूबरू कराया गया और स्थानीय महिला मंगल दल के सदस्यों और स्थानीय ग्रामीणों के साथ उनकी परिचर्चा कराई गई। इसमें पूरे प्रदेश के विभिन्न वन विभागों के लगभग 1200 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया है।एक नवंबर 2024 से छह मार्च तक 1324 फायर अलर्ट मिले।
नैनीताल। एसडीओ राजकुमार ने बताया कि 1 नवंबर 2024 से 6 मार्च 2025 तक तक कुल 1324 फायर अलर्ट प्राप्त हुए हैं। उसमें उत्तराखंड पूरे भारतवर्ष में 12 वें स्थान पर है। यदि साप्ताहिक आधार पर 28 फरवरी से 6 मार्च के सप्ताह के दौरान गत 3 वर्षों में प्राप्त फायर अलर्ट की तुलना की जाए तो वर्ष 2023 में इस दौरान 234 फायर अलर्ट प्राप्त हुए थे। वर्ष 2024 में 60 फायर अलर्ट प्राप्त हुए थे तथा वर्ष 2025 में अभी तक मात्र चार फायर अलर्ट 6 मार्च तक प्राप्त हुए हैं।
कुमाऊँ मंडल में वर्तमान समय तक 1100 से अधिक जन जागरूकता कार्यक्रम और वन अग्नि सुरक्षा गोष्ठियाँ आयोजित की जा चुकी हैं, जिसमें 30000 से ज्यादा स्थानीय ग्रामीण और ग्राम स्तरीय वनाग्नि सुरक्षा समिति के सदस्यों द्वारा प्रतिभाग किया गया है। इसके अतिरिक्त मंडल के समस्त वन प्रभागों द्वारा स्थानीय स्कूलों, कॉलेज इत्यादि में भी वनाग्नि सुरक्षा संबंधी जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। वनाग्नि रोकथाम हेतु कुमाऊँ मंडल में 13 मॉडल क्रू स्टेशन तथा 518 क्रू स्टेशन स्थापित है। वनाग्नि काल के दौरान संपूर्ण मंडल में लगभग 2800 वनाग्नि सुरक्षा श्रमिकों की तैनाती भी की जाएगी। सभी वनाग्नि सुरक्षा श्रमिकों का जीवन बीमा कराया जा चुका है। इसके अतिरिक्त प्रत्येक क्रू स्टेशन में स्थानीय वन कर्मचारी भी तैनात रहेंगे। समस्त वनाग्नि सुरक्षा श्रमिकों को प्रभाग स्तर पर वनाग्नि रोकथाम का व्यापक प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया हैए तथा आवश्यक उपकरण भी उपलब्ध कराये गए है। वनाग्नि दुर्घटना घटित होने पर तत्काल कार्रवाई करने और प्रभावित क्षेत्र में पहुंचकर अग्निशमन कार्य प्रारंभ करने हेतु प्रत्येक रेंज में वाहन की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। वनाग्नि के सफल प्रबंधन के लिए पूरे मंडल में एनडीआरएफ पैरामिलिट्री फोर्सेस तथा आपदा प्रबंधन विभाग के साथ अन्य समस्त रेखीय विभागों का सहयोग भी लिया जा रहा है। इस वर्ष वन विभाग द्वारा वनाग्नि की अग्रिम सूचना और उसके नियंत्रण तथा इसका प्रभावी अनुश्रवण करने के लिए फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा प्रेषित फायर अलर्ट के साथ साथ वन विभाग द्वारा प्रयोग में लाए जा रहे वनाग्नि सुरक्षा एवं अनुश्रवण ऐप के माध्यम से भी किया जा रहा है। जिससे समयबद्ध रूप से वनाग्नि नियंत्रण की कार्रवाई प्रभावी रूप से सुनिश्चित की जा रही है।
जनपद नैनीताल अन्तर्गत दिनांक 19 दिसम्बर, 2024 जिला स्तर पर गठित जिला वनाग्नि समिति की बैठक में वनाग्नि काल 2025 के प्रभावी नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु जिला वनाग्नि प्लान 2025 जिलाधिकारी, नैनीताल द्वारा अनुमोदित किया जा चुका है एवं ब्लॉक स्तर तथा ग्राम पंचायत/वन पंचायत स्तर पर वनाग्नि समितियों का गठन किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त वनाग्नि एवं आपदा प्रबन्धन, उत्तराखण्ड, देहरादून द्वारा नैनीताल वन प्रभाग, नैनीताल को कुमाऊँ मण्डल अन्तर्गत स्थित विभिन्न वन प्रभागों में फायर वाचरों के ग्रुप इंश्योरंस का दायत्व सौंपा गया था, जिसके अनुपालन में प्रभाग द्वारा कुमाऊँ मण्डल के विभिन्न वन प्रभाग अन्तर्गत कुल योजित 2144 फायर वाचरों के ग्रुप इंश्योरंस किया जा चुका है।