@ राज्य में राजस्व पुलिस व्यवस्था समाप्त करने को लेकर दायर जनहित याचिका …
★हाई कोर्ट ने सरकार से दस दिन के भीतर प्रगति रिपोर्ट पेश करने को कहा है…
★रिपोर्ट (सुनील भारती ) “स्टार खबर नैनीताल…
उत्तराखंड हाई कोर्ट ने राज्य में राजस्व पुलिस व्यवस्था समाप्त करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की । मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने सरकार से दस दिन के अंदर इस पर की गई प्रगति रिपोर्ट पेश करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 1 नवम्बर होनी है । आज सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की और से कहा गया कि सरकार ने कई क्षेत्रों में रेगुलर पुलिस की व्यवस्था कर दी गई है, और अन्य क्षेत्रों में इस व्यवस्था को लागू करने के लिए सरकार प्रयास जारी है । बता दें 2004 में सुप्रीम कोर्ट ने भी नवीन चन्द्र बनाम राज्य सरकार केस में इस व्यवस्था को समाप्त करने की आवश्यकता समझी गयी थी। जिसमे कहा गया कि राजस्व पुलिस को सिविल पुलिस की तरह आधुनिक ट्रेनिंग नही दी जाती यही नही राजस्व पुलिस के पास आधुनिक साधन कम्प्यूटर,डीएनए और रक्त परीक्षण, फोरेंशिक जाँच ,फिंगर प्रिंट जैसी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध नही होती है। इन सुविधाओं के अभाव में अपराध की समीक्षा करने में बड़ी परेशानियां होती है। कोर्ट ने यह भी कहा था कि राज्य में एक समान कानून व्यवस्था होनी चाहिए जिससे नागरिकों को सही ने न्याय मिल सके । उच्च न्यायलय ने भी इस सम्बंध में सरकार को 2018 में कई दिशा निर्देश दिए थे परन्तु उस आदेश का पालन सरकार ने नही किया। जनहित याचिका में कोर्ट से अनुरोध किया गया कि पूर्व में दिए आदेश का अनुपालन सरकार द्वारा करवाया जाए। इस मामले में समाधान के लिए 256 कृष्णा विहार लाइन न. एक जाखन देहरादून वालो ने जनहीत याचिका दायर की है।