“पठान” फ़िल्म के बोल्ड दृश्यों व दीपिका की कॉस्ट्यूम के रंग पर राजनीतिक हवा मिलने के बाद देश में होने लगा बबाल…
देश में फिल्मों के फिल्मांकन के तरीकों,पटकथा, कलाकारों, नृत्य व अब वेशभूषा पर भी राजनीतिक दलों की पैनी निगाह है।इस युग में सेंसर बोर्ड से तो फिल्मों को अनुमति मिल जाती है पर। बोल्ड सीन व सैक्सी कॉस्ट्यूम की राजनीतिक दलों से हरी झंडी नही मिल पाती। हालांकि 25 जनवरी को रिलीज़ होने वाली इस फ़िल्म “पठान” के गानों को दर्शक बहुत ज्यादा पसंद कर रहे हैं।दो दिन में ही दीपिका व शाहरुख खान अभिनीत इस गाने को 3 करोड़ 20 लाख व्यूज़ मिल चुके हैं।
इस गाने में दीपिका पादुकोण का ग्लैमरस लुक्स देखने को मिल रहा है।इस गीत को शिल्पा राव ने आवाज़ दी है।और कम्पोज़ विशाल शेखर ने किया है। यहां सवाल यह उठता है कि जब दर्शकों को कलाकारों के लुक्स लुभा रहे है तो राजनीतिक दलों को क्यों होती है ऐसे दृश्यों या अन्य मामलों पर आपत्ति…?
अभिनेत्री की वेशभूषा व दृश्यों को ठीक किया जाय,तब होगा रिलीज़ का फैसला-मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा…
एक तरफ रिलीज़ के तुरंत बाद से ही दीपिका,शाहरुख अभिनीत यह गाना सुर्खियां बटोर रहा है।वहीं दूसरी ओर भाजपा नेताओं ने दीपिका की ड्रेस कलर व बोल्ड्नेस पर मोर्चा खोल दिया है।मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने यहाँ तक कह दिया कि अभिनेत्री की वेशभूषा व दृश्यों को ठीक किया जाय अन्यथा इस मूवी को प्रदेश में रिलीज़ करना है या नही इस पर विचार किया जाएगा।
प्रयागराज में भी भाजपा कार्यकर्ताओं ने मुट्ठीगंज चौराहे पर एकत्रित होकर इस फ़िल्म के पोस्टर जलाए।उनका आरोप था कि इस फ़िल्म के बेशरम रंग के गाने में भगवा रंग के साथ अश्लीलता का प्रयोग किया जाना हिन्दू धर्म का अपमान है।धीरे-धीरे विरोध की यह लहर पूरे देश में फैलती जाएगी।
जिस थियेटर में ये फ़िल्म लगे उसे फूँक दो-महंत राजू दास…
“पठान” फ़िल्म के बोल्ड दृश्यों व दीपिका की कॉस्ट्यूम के रंग पर राजनीतिक हवा मिलने के बाद इसका साधु संतों द्वारा भी विरोध शुरू हो गया है।महंत राजू दास ने अभिनेत्री की भगवा कॉस्ट्यूम पर अपना ऐतराज जताते हुए कहा कि उनके द्वारा भगवा बिकनी पहने जाने को उन्होंने धर्म व संस्कृति के विरुद्ध बताया।और कहा कि शाहरुख खान कई बार सनातन संस्कृति का मज़ाक बनाते हैं। उन्होंने दर्शकों से ऐसी मूवी के बहिष्कार करने के लिए भी कहा। और यह भी कहा कि जिस पिक्चर हॉल में यह मूवी लगाई जाती है उसे भी फूँक दो।दुष्टों के साथ दुष्टतापूर्ण व्यवहार करना ही पड़ता है।अब उन्हें यह कौन समझाए कि मूवी की पटकथा अभिनेता,अभिनेत्रियों द्वारा नही लिखी जाती।यह तो निर्माता,निदेशक के हिसाब से एक्ट करते हैं।इस फ़िल्म की पटकथा श्रीधर राघवन की,निदेशक सिद्धार्थ आनंद व प्रोडक्शन कंपनी यशराज फिल्म्स हैं।फिर क्या राजनीतिक दलों की नाराजगी केवल शाहरुख खान व दीपिका पादुकोण से है..?