@उपेक्षा के चलते सुख रही भीमताल की झील.. ★ झील का पानी सूखने से चारों तरफ दिख रहा ‘कूड़ा-प्लास्टिक व गंदगी…. ★ 1998 में हुई थी सफाई, झील को सफाई के लिए 25 साल से है इंतजार…. ★रिपोर्ट- (ब्यूरो) “स्टार खबर” नैनीताल….

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@उपेक्षा के चलते सुख रही भीमताल की झील..

★ झील का पानी सूखने से चारों तरफ दिख रहा ‘कूड़ा-प्लास्टिक व गंदगी….

★ 1998 में हुई थी सफाई, झील को सफाई के लिए 25 साल से है इंतजार….

★रिपोर्ट- (ब्यूरो) “स्टार खबर” नैनीताल….

भीमताल झील की सफाई का मामला लगभग 3 दशक से अधर पर लटका हुआ है , नगर वासी एवं पर्यटन व्यवसायी झील की सफाई न होने व उसमें दिखने वाले डेल्टा, मैदान एवं झील का जल स्तर कम होने से काफी चिंतित है, वर्षा कम होने के कारण इस वर्ष जनवरी माह से ही मल्लिताल छोर पर झील मैदान में परिवर्तित होती जा रही है , लगातार पर्यटक के बढते इन दिनों-दिन झील का पानी प्रदूषित होता जा रहा है, झील के अधिकांश जल स्रोत सूख चुके हैं या सूखने की कगार पर है और गाद-मिट्टी भरने से झील की गहराई दिनोदिन कम होते जा रही है, जिसको लेकर नगर के सामाजिक कार्यकर्ता पूरन चंद्र बृजवासी अब तक कई बार नैनीताल जिला प्रशासन को भीमताल झील की इस मुख्य समस्या से अवगत करा चुके हैं साथ ही झील के लिए विशेष योजना एवं बजट स्वीकृति की मांग कर चुके हैं, इसके साथ ही उन्होंने अब तक विभाग, जिला प्रशासन राज्य सरकार को अपने पत्रों में बताया हैं कि झील में हर साल गाद-मिट्टी भरने से झील सकरी हो रही है और झील के पानी की स्टोरेज क्षमता कम हो रही है, झील के जल स्रोत सूख रहे हैं, झील का मल्लिताल छोर सिल्ट व गाद से भरा पड़ा है, उन्होंने कहाँ विभागीय सर्वे के आकड़े बताते हैं कि 1985 में झील की गहराई 22 मीटर थी जबकि वर्तमान में घटकर 17 मीटर से भी कम हो रही हैं, साथ ही एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2006 में भीमताल झील का पानी भी पीने योग्य नहीं बताया है, भीमताल झील की सफाई एवं गाद-मिट्टी निकासी के लिए उनके द्वारा पूर्व में कई बार मुख्य विकास अधिकारी, जिलाधिकारी, कुमाऊँ आयुक्त, मुख्य सचिव, विभागीय शासन सचिव, विधायक, सांसद, पर्यटन मंत्री, मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री तक ज्ञापन भेजे जा चुके हैं किन्तु झील आज भी गाद-मिट्टी निकासी और सफाई के इंतजार में है, उन्होंने कहाँ झील में गिरने वाले नाले ‘ड्रेन ए व ड्रेन बी’ खुटानी से लेकर झील मुहाने तक गाद-मिट्टी, सीवर, गंदगी से भरें पड़े है इस ग्रीष्मकालीन सीजन में इन नालों की अगर जड़ से सफाई नहीं हुई तो ये सब तमाम गंदगी से दुर्गंध उठेगी और इसका झील में समाने का खतरा और बना हुआ है।