नैनीताल – उत्तराखण्ड सरकार द्वारा दिया 30 प्रतिशत महिला आरक्षण को हाईकोर्ट में चुनौती मिली है। हाईकोर्ट ने पूरे मामले में आज सरकार को नोटिस जारी कर 6 हफ्तों में जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि जो भी भर्तियां होंगी वो याचिका के अंतिम निस्तारण के अधीन ही रहेंगी। इससे पहले भी हाईकोर्ट ने महिला आरक्षण पर रोक लगा दी थी जिसके बाद सरकार सुप्रीम कोर्ट गई लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले सरकार 10 जनवरी 2023 को एक्ट लाकर इस आरक्षण को बहाल कर दिया था। सरकार द्वारा दिये गये इस आरक्षण को फिर हाईकोर्ट में चुनौति मिली है आलिया ने याचिका में कहा है कि राज्य सरकार के पास कोई ऐसा अधिकार नहीं है कि वो आरक्षण देने का प्रावधान कर सकती है..क्योंकि एक राष्ट एक नागरिक्ता का पूर्व में कई कोर्ट ने अपने निर्णय दिये हैं। याचिका में कहा गया है कि 2018 में उत्तराखण्ड हाईकोर्ट का ही आदेश है कि अगर कोई आरक्षण देना है वो संसद से दिया जा सकता है। याचिका में एक्ट को निरस्त करने की मांग की है और कहा है कि राज्य सरकार द्वारा दिया आरक्षण असंवैधानिक है।