सरोवर नगरी में “पहाड़ी अंग्रेज जिम कॉर्बेट” पुस्तक का उनके 149वें जन्मदिन पर हुआ भव्य विमोचन…

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सरोवर नगरी में “पहाड़ी अंग्रेज जिम कॉर्बेट” पुस्तक का हुआ भव्य विमोचन..लेखन की प्रेरणा जिम कॉर्बेट की पुस्तक “माय इंडिया” से मिली..- प्रयाग पांडे वरिष्ठ पत्रकार व लेखक…

सरोवर नगरी के राज्य अतिथि गृह में आज जिम कॉर्बेट के जन्मदिवस के विशेष अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार प्रयाग पांडे द्वारा लिखित पुस्तक “पहाड़ी अंग्रेज जिम कॉर्बेट” का आज भव्य विमोचन किया गया।यह पुस्तक जिम कॉर्बेट की जीवन,कार्यशैली से अभिप्रेरित है।इसमें शिकार कथाओं के लेखक,प्रसिद्ध प्रकृति विद व नरभक्षी संहारक जिम कॉर्बेट की जीवन,कार्यशैली को कलमकार ने लेखन विधाओं से संजोया है। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बाबू जगत सिंह नेगी के प्रपौत्र रविन्द्र सिंह नेगी रहे।आपको बता दें कि बाबू जगत सिंह नेगी कुमाऊँ में जिम कॉर्बेट के विशिष्ट निकट सहयोगी रहे।उक्त कार्यक्रम की अध्यक्षता कुमाऊँ विश्व विद्यालय के पत्रकारिता विभागाध्यक्ष गिरीश रंजन तिवारी ने की।इस अवसर पर आयोजक मंडल ने जिम कॉर्बेट के 149वें जन्मदिवस पर केक भी काटा। हल्द्वानी,रामनगर व अन्य सुदूरवर्ती क्षेत्रों से आये अनेक बुद्धिजीवी व विद्वान जन इस कार्यक्रम में शामिल हुए।इस कार्यक्रम का संचालन हल्द्वानी से आये वरिष्ठ पत्रकार डॉ. विपिन चंद्रा ने किया।तत्पश्चात पत्रकार जगमोहन रौतेला,गणेश पाठक,विजय तड़ागी, गणेश रावत,गिरीश रंजन तिवारी,प्रभात ध्यानी,हंसी बृजवासी डिप्टी डायरेक्टर सूचना विभाग सहित अनेक विशिष्ट वक्ताओं ने जिम कॉर्बेट के जीवन पर प्रकाश डाला व अपने विचार रख कर इस पुस्तक के लेखक प्रयाग पांडे को अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की।”पहाड़ी अंग्रेज जिम कॉर्बेट” के लेखक प्रयाग पांडे ने बताया कि जिम कॉर्बेट द्वारा लिखित पुस्तक “My India” पढ़ने के बाद उन्हें इस पुस्तक के लेखन का विचार आया।क्योंकि जिम कॉर्बेट का कार्यक्षेत्र लंबे समय तक नैनीताल व आसपास का ही क्षेत्र था।इसलिए ऐसे व्यक्तित्व के बारे में जानकारी आमजन को इस पुस्तक द्वारा जरूर मिलेगी।कि जिम कॉर्बेट कितने सहृदय व्यक्तित्व थे और उन्होंने आम जनमानस के लिए कौन-कौन से कार्य किये थे।

छठे साहित्य के लेखक बने वरिष्ठ पत्रकार प्रयाग पांडे.. बुद्धिजीवियों ने की लेखन शैली की सराहना…

समाजसेवी व वरिष्ठ पत्रकार गणेश रावत ने कहा कि गरीबों,समाज के निचले तबकों के लिए अधिक काम करने के कारण जिम कॉर्बेट को पहाड़ी साधु भी कहा गया।उन्होंने कहा कि लोगों के मन में जिम कॉर्बेट की छवि केवल एक शिकारी की ही मानी जाती है।इस पुस्तक से उनके जनजागृति व जनसरोकारों को आमजन तक पहुंचाया जा सकेगा।उन्होंने प्रयाग पांडे लिखित इस पुस्तक को एक ग्रंथ की उपाधि से नवाजा।वरिष्ठ पत्रकार गणेश पाठक ने इस पुस्तक को शोधकर्ताओं के लिए मार्गदर्शक साहित्य की संज्ञा दी।अंत में कार्यक्रम अध्यक्ष गिरीश रंजन तिवारी ने सभी आगंतुकों को शुक्रिया व्यक्त कर हिंदी में लिखित इस पुस्तक के लिए लेखक को आशीर्वचनों से अलंकृत किया।उन्होंने कहा कि क्योंकि पहाड़ों में अपनी विशिष्ट सेवाएं देने के चलते जिम कॉर्बेट की सभी पुस्तकें आंग्ल भाषा में हैं।और हमारे क्षेत्र के लोगों की मूल बोलचाल की भाषा हिंदी ही है।इसलिए हिंदी में जिम कॉर्बेट के कार्यों व उनकी वन्यजीवों व जंगल में अभिरुचि,योगदानको लिखना अतिआवश्यक हो गया था।जिससे स्थानीय लोग भी जिम कॉर्बेट के बारे में अधिक जानकारी हासिल कर सकेंगे।