नैनीताल – राज्य में मुख्यमंत्री का दौरा नैनीताल में औसत ही रहा है, 2 दिन के दौरे में ना तो शहर को कोई बड़ी सौगात मिली तो नैनीताल के लोग सीएम सही तरीके से मिल भी नहीं सके। बजट के लिए सुझाव लेने पहुंचे सीएम ने बंद कमरे में अधिकारियों और स्टेक होल्डरों से मुलाकात की तो मीडिया को भी इससे दूर ही रखा। यहां तक कि सीएम के कार्यक्रम के दौरान बीजेपी के कार्यकर्ताओं को भी सीएम से मुलाकात नहीं होने से नाराज दिखे, हालांकि कुछ लोगों ने जबरन अपना ज्ञापन गुस्से में थमा दिया। बीजेपी के पदाधिकारी जो जनता में खुद को बड़ा नेता बताते हैं वो भी बाहर एक दूसरे का मुह तांकते रहे। दरअसल नैनीताल में पार्किंग विश्वविद्यालय में छात्रों को समस्या के साथ किसान व आपदा पीड़ित मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने आए थे लेकिन किसी की मुख्यमंत्री ने नहीं सुनी और एक 2 कागच पकड़कर मुख्यमंत्री बिना बात करते हुए नैनीताल से निकाल गए।
आज सीएम को नैनीताल से रवाना हुआ था तो कई फरियादी सीएम से मिलने पहुंचे,सुबह 7 बजे से अपनी बारी का इंतजार कर रहे लोगों को 9 बजकर 30 मिनट पर दर्शन दिए लेकिन इस दौरान किसी की भी नहीं सुनी गई,मुख्यमंत्री द्वारा नहीं मिलने से लोग नाराज दिख कई लोगों का कहना था कि कल भी मिलने आये थे लेकिन मुलाकात नहीं हो सकी, मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने आए लोगों ने कहा कि आज भी मुलाकात नही होने से उनकी मांग जो जनता के हित मे थी उसका निराकरण नहीं हो सकेगा।
नैनीताल की नयना देवी मंदिर से दूरी..
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नैनीताल की नयना देवी मंदिर से भी दूरी बनाई, लेकिन कैंची धाम के दर्शन करने मुख्यमंत्री रवाना हुए। नयना देवी मंदिर के दर्शन नहीं करने पर आम चर्चा थी कि यहां पूजा करने के उनकी चुनावी हार हुई एसकके चलते नयना देवी में दर्शन नहीं किये जा रहे हैं।