सुनिए, किस डॉक्टर ने कोबिड मरीज को जबरन आईसीयू से किया रेफर, हो गई मौत

21
  • परेशान परिजनों ने डॉक्टर की ऑडियो रिकॉर्डिंग ग्रुपो में की वायरल
  • बड़ा सवाल, अधिकारी कराएंगे जांच या दबेगा मामला

एफएनएन, रुद्रपुर : पंडित राम सुमेर शुक्ल राजकीय मेडिकल कॉलेज के डॉ. गौरव अग्रवाल फिर सुर्खियों में है। वायरल ऑडियो में वह कोविड मरीज को जबरन आईसीयू से रेफर करने का दबाव परिजनों पर बना रहै है, ऐसा क्यों ? यह तो जांच ही बताएगी लेकिन सूत्रों की मानें तो जबरन गंभीर मरीज को आईसीयू से रेफर करने के पीछे कहानी कुछ और ही है, हालांकि दूसरे अस्पताल में पहुंचने तक इस महिला मरीज की मौत हो गई। सवाल यह है कि इस मामले को भी सत्ताधारियों के दबाव में अधिकारी हजम कर जाएंगे या फिर जांच कराएंगे।
चलिए, हम आपको ले चलते है वायरल ऑडियो की ओर। कोरोना की दूसरी लहर में एक-एक बेड के लिए मारामारी थी। निजी अस्पताल छोड़िए सरकारी अस्पताल तक में बेड के लिए सोर्स का इस्तेमाल करना पड़ रहा था, ऐसे में डॉक्टर गौरव पर यह आरोप लगते रहे हैं कि वह अपने निजी अस्पताल के जरिये ही नहीं, अन्य अस्पतालों के जरिए भी बड़ा खेल खेल रहे हैं। डॉक्टर के संपर्क वाले अस्पतालो के जरिए मरीजों को मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में रेफर किया जा रहा था। ऐसा इसलिए भी क्योंकि डॉक्टर गौरव आईसीयू के इंचार्ज भी थे। जब मेडिकल कॉलेज में हाहाकार मचा और डॉक्टर पर आरोप लगे तो अधिकारी जागे। अधिकारियों ने यह जानने की कोशिश करी कि आखिर आईसीयू में भर्ती मरीज कहां और किस अस्पताल से रेफर होकर आए हैं। ऐसे में पूरे आईसीयू को खाली कराना ही बेहतर समझा गया। डर था कि कहीं अधिकारियों को यह पता न लग जाए कि माजरा क्या है। काफी तीमारदारों ने अपने मरीज को अन्य अस्पतालों में शिफ्ट करा दिया जबकि उषा अग्रवाल नाम की महिला मरीज के परिजनों ने डॉक्टर से गुहार लगाई। वायरल वीडियो में डॉक्टर और परिजनों में क्या बात हुई, इस ऑडियो में आप सुन सकते हैं।

 

डॉक्टर और उसके पिता ने मुझे धमकाया : प्रेम बंसल

कई ग्रुपों में ऑडियो वायरल होने के बाद जब ‘ फ्रंट न्यूज़ नेटवर्क ‘ ने वीडियो को वायरल करने वाले ग्रीन पार्क के प्रेम बंसल से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि उषा अग्रवाल उनकी साली थीं और लखीमपुर खीरी की रहने वाली थीं। वह अग्रसेन अस्पताल में भर्ती थी और यहां से उन्हें मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया था। उनका कहना है कि उषा ऑक्सीजन और वाईपेप मशीन की सपोर्ट पर थीं। उनका ऑक्सीजन लेवल 85 था, इसके बावजूद अचानक डॉक्टर गौरव ने उनसे उषा को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करने को कह दिया। उन्होंने काफी गुहार लगाई लेकिन डॉक्टर नहीं माना तो हारकर उन्हें अपने मरीज को दूसरे अस्पताल ले जाना पड़ा लेकिन इससे पहले ही उषा की मौत हो गई। प्रेम बंसल का आरोप है कि कल डॉक्टर और उसके पिता ने उन्हें फोन पर धमकाया और कहा कि वह उनका दुष्प्रचार कर रहे हैं, इसके बाद ही उन्होंने इस ऑडियो को वायरल कर अधिकारियों के सामने सच लाने का प्रयास किया है। उनका कहना है कि डॉक्टर की मनमानी के चलते ही उषा अग्रवाल की मौत हुई है। आपको बता दें कि इससे पूर्व भी डॉक्टर गौरव पर तमाम आरोप लगे, लेकिन मामले को रफा-दफा कर दिया गया।

डॉक्टर की मंशा मरीज को बचाने की होती है, मारने की नहीं : डॉ गौरव

डॉ गौरव अग्रवाल का कहना है कि डॉक्टर की मंशा कभी किसी मरीज को मारने की नहीं होती, वह हमेशा चाहता है कि उसका मरीज स्वस्थ होकर घर लौटे। उनका कहना है की उषा अग्रवाल के तीमारदारों से ऑक्सीजन की किल्लत के चलते दूसरे आईसीयू में शिफ्ट करने को कहा गया था, लेकिन वह तैयार नहीं हुए। वह बाहर के डॉक्टरों से भी परामर्श ले रहे थे, ऐसी स्थिति में उन्हें टोका भी गया था। उन्होंने किसी कागज पर भी कोई हस्ताक्षर नहीं किए। उन्होंने आरोपों को गलत बताया ।