@ हल्द्वानी पहुंचे आचार्य प्रमोद कृष्णम बोले, यह भी सत्य है कि प्रधानमंत्री यदि मोदी नहीं होते, तो यह फैसला भी नहीं हो पाता,मंदिर नहीं बन पाता….
★. आचार्य ने मंदिर निर्माण का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दिया ……
★रिपोर्ट (चन्दन सिंह बिष्ट) “स्टार खबर” हल्द्वानी…..
हल्द्वानी नैनीताल
हल्द्वानी तिरंगा उत्सव में पहुंचे कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण ठुकराने पर कांग्रेस नेताओं को कठघरे में खड़ा किया है। पार्टी नेता व कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने मंदिर निर्माण का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दिया है। उनका कहना है कि वैसे मंदिर कोर्ट के फैसले के बाद बन रहा है। लेकिन यह भी सत्य है कि प्रधानमंत्री यदि मोदी नहीं होते, तो यह फैसला भी नहीं हो पाता। मंदिर नहीं बन पाता। मंदिर भारत की प्रतिष्ठा है।
आचार्य ये भी बोले कि पांच सौ वर्षों का सपना पूरा हुआ है। प्रधानमंत्री ने देश ही नहीं, विश्व के करोड़ों रामभक्तों का सपना पूरा किया है।कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के प्राण प्रतिष्ठा में नहीं आने पर बिना नाम लिए उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम राजनीति से बहुत ऊपर हैं।
वह मर्यादा पुरुषोत्तम हैं, आराध्य हैं। श्रीराम को किसी एक दल का समझकर इसका विरोध ठीक नहीं था। जो भी यह काम कर रहा है, उसका विनाश तय है। राम तो सबके दिल में हैं। वह किसी एक संप्रदाय, जाति और वर्ग के नहीं हैं।प्रभु को किसी भी एक देश की सीमा में कैद नहीं किया जा सकता है। वह अनंत हैं। अखिल कोटि ब्रह्मांड के नायक हैं। भारत की आत्मा हैं। राम के बिना तो किसी भी चीज की कल्पना तक नहीं की जा सकती है। उनके बिना ना भारत है और ना विश्व।
आचार्य प्रमोद कृष्णम समय-समय पर पार्टी नेतृत्व को सनातन का सम्मान करने को लेकर आगाह करते रहे हैं। इस बारे में नेतृत्व को पत्र भी लिखा है। उन्होंने श्रीराम मंदिर के उद्घाटन में भी पार्टी नेताओं को जाने की सलाह दी थी। मंदिर उद्घाटन को कांग्रेस में सबसे पहले आचार्य को निमंत्रण मिला था। वह अयोध्या पहुंच गए थे।