शर्मनाक…
★ मुकेश बोरा और उसका ड्राइवर नहीं हुए गिरफ्तार तो कोतवाली में करूंगी आत्मदाह
★. मुकेश बोरा की न गिरफ्तारी… न जब्त हुआ फोन, बोरा को मोहलत क्यों?
रिपोर्ट (चन्दन सिंह बिष्ट) “स्टार खबर”
हल्द्वानी /नैनीताल
इतनी मेहरबानी क्यों आखिर किसकी है सह नैनीताल दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के अध्यक्ष मुकेश बोरा को पुलिस मोहलत क्यों दे रही है। जांच के नाम पर चार दिन से पुलिस मामले को टरका रही है। बड़ी बात यह है कि पीड़िता जिस मोबाइल को सुबूतों का घर बता रही है, पुलिस ने मुकेश बोरा को वो मोबाइल भी अभी तक जब्त नहीं किया है। ऐसे में माना जा रहा है कि पुलिस किसी के दबाव में काम कर रही है। लालकुआं निवासी पीड़िता के अनुसार दुष्कर्म का सिलसिला वर्ष 2021 में तब शुरू हुआ था, जब वह मुकेश बोरा के पास नौकरी मांगने गई थी। उसकी नौकरी दिहाड़ी पर लगी थी और मुकेश बोरा नौकरी परमानेंट करने के नाम पर जबरन उसके साथ दुष्कर्म किया। पुलिस ने पीड़िता से पूछताछ की थी और पीड़िता ने पुलिस को बताया कि मुकेश बोरा का मोबाइल उसी के खिलाफ सुबूतों से भरा पड़ा है।बावजूद इसके पुलिस ने उसका मोबाइल जब्त करने की जहमत नहीं उठाई। इस मामले में पीड़िता ने पुलिस को शनिवार 3 अगस्त को तहरीर सौंपी थी। पुलिस 24 घंटे तक जांच के नाम पर चुप बैठी रही। अगले दिन रविवार को मुकदमा तो दर्ज हुआ। अब गुरुवार भी गुजर गया, लेकिन सुबूतों से भरा मोबाइल जब्त करना पुलिस ने जरूरी नहीं समझा। जबकि क्राइम मीटिंग में खुद एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने निर्देश दिए थे कि महिला संबंधी अपराधों में त्वरित कार्रवाई की जाए। बावजूद इसके जांच के नाम पर चार दिन गुजार दिए गए। इस बीच मुकेश बोरा अग्रिम जमानत के लिए कोर्ट पहुंच गया। उधर नाराज पीड़िता द्वारा लालकुआं कोतवाली के समक्ष आत्मदाह का निर्णय पुलिस क्षेत्राधिकारी संगीता से वार्ता के बाद फिलहाल स्थगित कर दिया है, इधर लालकुआं पुलिस ने बुधवार को भी मामले में विभिन्न स्थानों में जाकर साक्ष्य एकत्र किए।उल्लेखनीय है बीती रोज पीड़िता ने आरोपी मुकेश बोरा व उसके चालक कमल की 24 घंटे के भीतर गिरफ्तारी न होने पर कोतवाली के सामने आत्मदाह करने की धमकी दी थी। जिसके चलते पुलिस भी काफी चौकन्नी थी और इसी क्रम में आज पुलिस क्षेत्राधिकारी संगीता ने पीड़िता को समझाया कि मुकदमे में सुबूत जुटाने आवश्यक है, जब तक पर्याप्त सुबूत एकत्र नहीं हो जाते तब तक आरोपी को गिरफ्तार करना उचित नहीं है। पीड़िता ने पुलिस क्षेत्राधिकारी के समझाने के बाद अपना आत्मदाह निर्णय वापस ले लिया है। इधर पुलिस क्षेत्राधिकारी ने पीड़िता की पुत्री के भी आज बयान दर्ज किए।