हल्द्वानी में रेलवे भूमि अतिक्रमण मामला..अवैध अतिक्रमणकारियों के दस्तावेज जाँचने के बाद सरकारी, रेलवे,वनविभाग की भूमि की करवाई जा रही पैमाइश…
हल्द्वानी में रेलवे भूमि पर अतिक्रमण मामले में जैसे-जैसे मामले की सर्वोच्च अदालत में तारीख नजदीक आ रही है वैसे ही बनभूलपुरा निवासियों की धड़कनें भी बढ़ती जा रहीं हैं।ज्ञात रहे कि उच्च न्यायालय ने रेलवे भूमि पर इस अवैध अतिक्रमण मामले में तुरंत ध्वस्तीकरण के आदेश जारी किए थे। जिसके बाद क्षेत्रीय प्रभावशाली लोगों ने उच्च न्यायालय के निर्णय के विरोध में सर्वोच्च अदालत का रुख किया था।जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने मानवीय कारणों से एक माह का स्थगन आदेश दिया था। हालांकि फिलवक्त जिला प्रशासन ने मजबूत पैरवी के लिए माहौल बनाना शुरू कर दिया है।जिलाधिकारी नैनीताल धीराज गर्ब्याल ने क्षेत्रीय संगठनों के साथ उक्त भूमि के सीमांकन के लिए राजस्व विभाग, नगर निगम, वन विभाग और रेलवे की संयुक्त टीम बना कर आज से स्थलीय सर्वेक्षण का काम शुरू करा दिया है।
हल्द्वानी में रेलवे भूमि अतिक्रमण मामले में संयुक्त टीम का स्थलीय सर्वेक्षण शुरू..होगी मजबूत पैरवी…
आपको बता दें कि विगत शनिवार को जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सभी विभागों व स्थानीय निवासियों के प्रमुखों के साथ हुई बैठक में प्रभावितों ने अपने भवनों के दस्तावेज भी पेश किए। और तय हुआ था कि रविवार को जमीन का स्थलीय सर्वेक्षण किया जाएगा।और यह भी तय हुआ था कि हजरत चिराग अली शाह बाबा की दरगाह और गौला रोखड़ स्थित स्लाटर हाउस को लैंड मार्क मानकर सर्वे किया जाएगा। इसी क्रम में आज रविवार को संयुक्त विभागों द्वारा क्षेत्र का सीमांकन सर्वेक्षण शुरु कर दिया गया।इसमें राजस्व विभाग, नजूल भूमि और वन भूमि की पैमाईश कर एक रिकॉर्ड एकत्रित किया जाएगा।जिसे सात फरवरी को सर्वोच्च अदालत में प्रस्तुत किया जाएगा।इस स्थलीय सर्वेक्षण में जिलाधिकारी गर्ब्याल की ओर से अपर जिलाधिकारी नैनीताल अशोक जोशी, उपजिलाधिकारी हल्द्वानी मनीष कुमार, सी.ओ. हल्द्वानी भूपेंद्र सिंह धौनी, कोतवाल हल्द्वानी हरेंद्र चौधरी व थाना अध्यक्ष बनभूलपुरा नीरज भाकुनी तथा संबंधित अन्य अधिकारी,पुलिस बल भी मौजूद रहे।