@. राजनीति… ★. हल्द्वानी में कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम का बड़ा बयान, बोले इस नेता में है मोदी को हराने के दम! ★. आचार्य प्रमोद कृष्णम ने क्यो कहा नीतीश पर भरोसा नहीं किया सकता । रिपोर्ट (चन्दन सिंह बिष्ट) “स्टार खबर” हल्द्वानी

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@. राजनीति…

★. हल्द्वानी में कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम का बड़ा बयान, बोले इस नेता में है मोदी को हराने के दम!

★. आचार्य प्रमोद कृष्णम ने क्यो कहा नीतीश पर भरोसा नहीं किया सकता ।

रिपोर्ट (चन्दन सिंह बिष्ट) “स्टार खबर” हल्द्वानी

हल्द्वानी- गणतंत्र दिवस पर तिरंगा उत्सव कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रियंका गांधी के राजनीतिक सलाहकार आचार्य प्रमोद कृष्णम पहुंचे। जहां उन्होंने तिरंगा उत्सव कार्यक्रम से पहले प्रेसवार्ता की।

प्रेसवार्ता में श्रीराम मंदिर को लेकर उन्होंने कहा कि श्रीराम और राष्ट्र राजनीति से ऊपर है। उनका नाम लेकर राजनीति करनी नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि देर सवेर उन राजनीति दलों को अपनी गलती का अहसास होगा जिन्होंने राम मंदिर का आया हुआ निमंत्रण ठुकरा दिया।

साथ ही उन्होंने कहा कि बेहरत होगा कि ऐसे राजनीति दल अपनी गलती स्वीकार कर लें। कांग्रेस पार्टी मजबूती से लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारियों में जुटी है। पीएम मोदी के सामने कांग्रेस द्वारा किस नेता को सामने आना चाहिए। जो प्रधनमंत्री पद के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को टक्कर दे सके। इस पर आचार्य प्रमोद ने कहा कि निश्चित तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज भारतीय जनता पार्टी से बड़े हो गए हैं। जनता उनकी बात पर सीधे भरोसा करती है। पीएम का चेहरा भी जनता को विश्वसनीय लगता है। ऐसे में अगर विपक्ष को उनकी टक्कर लेनी है। तो कोई न कोई विश्वसनीय चेहरा देना होगा। कांग्रेस अगर प्रियंका गांधी को पीएम पद का मुख्य चेहरे के रूप में लोकसभा चुनाव में उतारती है। तो कांग्रेस बीजेपी के साथ ही पीएम मोदी को टक्कर दे सकती है।इंडिया गठबंधन के सवाल पर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विश्वास पात्र नहीं हैं वह पहले बीजेपी के साथ थे अब इंडिया गठबंधन में शामिल होने के बाद भी गठबंधन तोड़ने जैसी बात कर रहें हैं। इसलिए नीतीश पर भरोसा नहीं किया सकता है।वहीं गठबंधन में ममता बनर्जी के सवाल पर उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस से बड़ी राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस है। इसलिए मात्र कांग्रेस पार्टी ही बीजेपी की मोदी सरकार को चुनाव में चुनोती दे सकती है। इसलिए ममता बनर्जी को सोच समझ कर फैसला करना चाहिए।