@डॉ एच 0सी0 पन्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी नैनीताल द्वारा विश्व स्तनपान सप्ताह पर बैठक…. ★रिपोर्ट- (सुनील भारती) “स्टार खबर ” नैनीताल…

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@डॉ एच 0सी0 पन्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी नैनीताल द्वारा विश्व स्तनपान सप्ताह पर बैठक….

★रिपोर्ट- (सुनील भारती) “स्टार खबर ” नैनीताल…

 

हल्द्वानी/ डॉ एच 0सी0 पन्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी नैनीताल द्वारा विश्व स्तनपान सप्ताह पर शिविर कार्यालय हल्द्वानी मैं बैठक ली जिसमें अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एन0सी0 तिवारी, डॉ स्वेता भंडारी, डॉ रजत भट्ट, डॉ अजय शर्मा, मदन मेहरा, देवेंद्र बिष्ट, दिवान बिष्ट उपस्थित रहे मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा सभी अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी,प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक को निर्देश दिये गये की स्तनपान वीक के दौरान अपने अपने क्षेत्रों पर स्तनपान से होने वाले महत्व के बारे मे आशा, ए0एन0एम0 के माध्य्म से अभियान चलाकर लोगो को जागरूक करे, महिला चिकित्सालय, जिला महिला, चिकित्सालय पर परिवार कल्याण काऊंसलर के माध्य्म मैं वार्डो मैं जाकर महिलाओ को इसके बारे मे जानकारी दे।
मुख्य चिकित्साधिकारी डा.एच0सी0 पंत ने बताया गया कि 0 1 अगस्त से 07 अगस्त, 2024 तक स्तनपान सप्ताह मनाया जायेगा,जिसमें जनपद के समस्त विकासखंडों में आशा कार्यकत्री,ए.एन.एम.व सी.एच.ओ द्वारा गर्भवती व धात्री महिलाओं द्वारा बच्चे को 6 माह तक केवल स्तनपान कराये जाने हेतु विभिन्न सामुदायिक गतिविधियों के द्वारा जागरुक किया जायेगा।*डॉ एच0सी0 पंत , मुख्य चिकित्सा अधिकारी* ने
जानकारी देते हुए बताया कि एक अगस्त से सात अगस्त तक स्तनपान सप्ताह मनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि मां का दूध शिशु के लिए अमृत है मां के दूध में आवश्यक पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो नवजात शिशु के सम्पूर्ण विकास व स्वास्थ्य के लिए बहुत आवश्यक है। शिशु को जन्म के छह माह बाद तक मां का दूध ही बच्चे के लिए सम्पूर्ण आहार और सभी जरुरतें पूरी करता है। स्तनपान मां और बच्चे दोनों के लिए लाभदायक है। स्तनपान मां और शिशु के बीच भावनात्मक सम्बन्ध मजबूत करता है तथा महिलाओं में ब्रेस्ट और ओवेरियन कैंसर के खतरे को कम करता है। यह प्राकृतिक तरीके से मां के वजन को नियत्रित भी रखता है।
उन्होंने बताया कि मां का दूध बच्चा आसानी से पचा लेता है व स्तनपान से शिशु के शरीर में प्रोटीन और विटामिन की कमी नही होती है। मां के दूध में मौजूद कैल्शियम शिशु के द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है जो कि हड्डियों को भी मजबूत करता है। बच्चे के जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान अवश्य शुरू कराना चाहिए। जब शिशु छह माह का हो जाये तो स्तनपान के साथ साथ कुछ ऊपरी आहार भी देना शुरू करें व कम से कम दो वर्षों तक स्तनपान जारी रखें।
कार्यक्रम का संचालन मदन मेहरा जिला कार्यक्रम प्रबंधक द्वारा किया गया।