भीमताल। पहाड़ व मैदानी क्षेत्र को जोड़ने वाला नगर का खुटानी तिराहा शासन-प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के चलते ठीक नहीं है। इसे भीमताल का मिनी बस स्टेशन भी कहा जाता है। खुटानी से दिन भर पहाड़ व मैदानी क्षेत्रों को हजारों वाहनों की आवाजाही रहती है लेकिन सुविधा का अभाव है। यहां पर न तो यात्रियों के बैठने के लिए कोई प्रतीक्षालय है, जिसके चलते यहां रूकने वाले यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। शौचालय न होने से यात्रियों को खुले में शौच करने को मजबूर होना पड़ता है। प्रतीक्षालय के अभाव में यात्रियों को धूप हो या बारिश खुले आसमान के नीचे समय व्यतीत करना पड़ता है। ऐसा नहीं कि जनप्रतिनिधियों को इस समस्या के बारे में मालूम नहीं हो। हर पार्टी के बड़े-बड़े नेताओं के नगर आगमन पर कार्यकर्ताओं द्वारा खुटानी से उनका स्वागत सत्कार किया जाता है। स्थानीय लोग लंबे समय से खुटानी में शौचालय व प्रतीक्षालय जैसी सुविधा मुहैया कराये जाने की मांग की करते आ रहे हैं पर अभी तक धरातल पर कार्यवाही नहीं उतर सकी है। बता दें पूर्व मुख्यमंत्री स्व एनडी तिवारी ने भी खुटानी से ही खूंट खुटानी सूट विनायक का नारा दिया था और यहां पर उनके द्वारा विशालकाय किसान द्वार का निर्माण कराया गया है जो आज भी मौजूद है। बता दें नगर का खुटानी तिराहा मैदानी क्षेत्र को जोड़ने का पहला पड़ाव माना जाता है। यहां से प्रतिदिन अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर, चम्पावत, लोहाघाट, ढोलीगांव, देवीधुरा, रमक मंगललेख काण्डा पजैना मोरनौला पहाडपानी शहरफाटक, लमगड़ा आदि क्षेत्रों से तकरीबन सैकड़ों वाहन गुजरते हैं। वही ढोलीगांव (खालबाजार) क्षेत्र में भी वहां के स्थानीय लोग लंबे समय से सार्वजनिक शौचालय की मांग कर रहे हैं ।
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