हवा में उड़ा नंदादेवी महोत्सव का मुख्य गेट.. प्रशासन की कार्यप्रणाली पर उठे बड़े सवाल खराब डंड़ों पर आखिंर क्यों अटकाया था भारी भरकम सवाल.. फिल्ड़ में फड़ लगाने को लेकर भी पालिका है सवालों के घेरे में..

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नैनीताल – नंदा देवी महोत्सव में बारिश और आंधी का असर दिखा है..तेज बारिश और आंधी के चलते नंदा देवी महोत्सव में प्रशासन द्वारा तैयार किया गया मुख्य गेट ध्वस्त हो गया है..गनीमत की बात ये रही कि बड़ा हादसा टल गया है..गेट उस वक्त गिरा जब मेले में बारिश के चलते भीड़ नहीं थी..माना जा रहा है अगर मुख्य गेट दूसरी ओर गिरता तो कई दुकानदार भी घायल हो सकते थे..इसी गेट से सभी लोग आवाजाही करते हैं तो डोला भी इसी गेट से नगर भ्रमण के लिये निकलता है लेकिन अब प्रशासन के आगे इस गेट को दुबारा खड़ा करने की चुनौती बन गयी है।

दरअसल रात से ही लगातार बारिश हो रही थी तो सुबह तेज बारिश से मेला परिसर में पानी भर गया..इसी दौरान नंदा देवी महोत्सव का मुख्य गेट हवा में गिर गया जिससे अब गेट बनाने वाले ठेकेदार और जिला प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं। गेट गिरने के बाद देखा गया है कि सिर्फ 2 सड़े हुए डंडों पर गेट अटकाया था जो हवा का झौंका नहीं सह सका..गेट टूटने के बाद कुछ लोगों ने इस पर सवाल उठाए हैं कि क्या ये मेले में आने वाले लोगों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ तो नहीं किया गया था..इसके साथ ही नवमी के लिये बना पांड़ाल भी बारिश में बीच से उधड़ गया जिससे लोगों को दिक्कतों का सामना करने पड़ा है..वहीं टेंड़ भी हवा में उड़ गया..

मुख्य गेट गिरने के बाद नैनीताल पालिका पर निर्माण को लेकर सवाल उठ रहे हैं तो पिछली बार जांच झेल रही पालिका पर इस बार भी बड़े सवाल हैं..क्योंकि पहले पालिका ने खुद ही टेंड़र के दौरान कहा कि एक भी फड़ नहीं लगेंगे लेकिन उसके बाद नैनीताल पालिका ने कई फड़ों को अपने ही नियमों के खिलाफ फड़ लगाने की अनुमति दे दी..सवाल ये उठ रहा है कि आँखिरकार किस अधिकारी ने ये फड़ लगाने की अनुमति दी और आँखिर क्यों..क्योंकि पिछले नंदा देवी महोत्सव का मामला अभी खत्म भी नहीं हुआ है लेकिन एक और आवंटन से सवाल पालिका पर सवाल उठा रहे हैं।