नैनीताल से तनुजा बंगारी बिष्ट की रिपोर्ट
नैनीताल – नैनीताल में घूमना कौन नहीं पसंद करता है..यहां की झील और आबोहवा तो यहां तक पर्यटकों को खींच लाती है..लेकिन नैनीताल में आकर का पानी सोच समझकर पीएं..ये हम इस लिये कह रहे हैं कि पर्यटन के साथ नैनीझील का धार्मिक महत्व तो है लेकिन नैनीताल झील का पानी पीना तो छोड़ें आचमन लायक भी नहीं है। पिछले 30 दिनों से नैनीताल में अलग अलग स्थानों झील में मल मूत्र वाला पानी जा रहा है लेकिन कोई भी अधिकारी और कर्मचारी सुनने को तैयार नहीं।
पर्यटक नेता पी रहे हैं गटर से झील में जा रहा पानी….
नैनीताल की इस झील में गटर से कुछ ऐसा पानी कई महिनों से जा रहा है..त्रिऋषि सरोवर के नाम से विख्यात मानसरोवर जैसे जल में सीवर जमकर जा रहा है। शहर के चारों तरफ से मल मूत्र मल मूत्र की नदियां मनसरोवर जैसी पुण्य झील में जाने से बिमारियों का खतरा बनने लगा है। पर्यटन सीजन के दौरान स्थानीय लोगों से लेकर पर्यटकों की ऐसी मजबूरी है कि होटलों से लेकर रेस्टोरेंट और घरों में भी झील में जा रहा यही गंदा पानी दिया जा रहा है। हांलाकि शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने से स्थानीय नाराज हैं। नैनीताल के प्रदीप साह कहते हैं कि झील सफाई के नाम पर करोड़ों खर्च कर दिये गये हैं लेकिन आज तक हालत वहीं है जैसे सालों पहले थे..साह बताते हैं कि अग्रेजों ने जब इस पानी को पीने से बिमारियां होने लगी लोग मरने लगे तो नैनीताल में अंतिम संस्कार तक नहीं करने दिया और शहर से बाहर ही गंदगी फैलाने वालों को रोक दिया जाता था लेकिन आजाद भारत में आज स्थिति गम्भीर बन रही हैं..प्रदीप साह ने कहा कि ये झील की मन्यता मनसरोवर के बराबर है और इसमें स्नान करने से मानसरोवर जैसा पुण्य मिलात है लेकिन कोई आज इसका पानी हाथ में रखने को तैयार नहीं हो रहा है। साह ने बताया कि इसी झील का पानी नेता से लेकर पर्यटक और स्थानीय पी रहे हैं लेकिन कोई सुनने और देखने वाला नहीं है।
नाकाम रहा है नैनीताल का जिला प्रशासन…
दरअसल नैनीझील का पर्यटन के साथ धार्मिक महत्व भी है, तीन ऋषियों अत्री, पुलस्त्य और पुलह को पानी नहीं मिला तो अपने तप से मानसरोवर के जल को यहां लाकर एकत्र कर दिया और यहां नहाने से मानसरोवर जैसा पुण्य मिलता है। वहीं माँ नयना से भी इस झील का जुड़ाव सालों से रहा है बावजूद ना मन्दिर के आस पास से सीवर का पानी ऐसा बह रहा है कि पानी नहाना तो छोड़ें आचमन लायक भी नहीं बचा है। वहीं अधिकारी जल्द ठीक करने की बात कर रहे हैं। नैनीताल डीएम धीराज गर्ब्याल कहते हैं कि पर्यटकों की संख्या बढने के साथ ऐसी समस्या हमेशा सामने आ रही हैं और रोजाना कई स्थानों से शिकायतें भी मिल रही हैं और कार्रवाई भी हो रही हैं अब नैनीताल शहर के लिये नई एसटीपी प्लान है जल्द ही काम शुरु होने जा रहा है जिससे ये समस्या का हल निकलेगा।
क्या फायदा करोड़ों खर्च का…
बहरहाल करोड़ों रुपये अब तक झील सफाई के नाम पर खर्च हो गये हैं और पिछले साल जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के जज ने इसका संज्ञान लेकर जल संस्थान को नोटिस जारी किये थे बावजूद इसके हालात जस के तस बने हैं। ऐसे में अगर नैनीताल आने वाले पर्यटकों को यहीं पानी पीना पड़ेगा तो क्या वो भी बिमारी लेकर नैनीताल से जायेगा..जरुरी है कि प्रशासन से लेकर सरकार सिस्टम सही काम करे ताकि पर्यटकों को ये पानी नहीं पीना पड़े….