नैनीताल – पहाड़ में इस वक्त पर्यटन सीजन पीक पर है और पर्यटकों की भीड़ नैनताल समेत अन्य टूरिस्ट डेस्टिनेशन पहुंचे हैं लेकिन पहाड़ में पर्यटकों के साथ जमकर लूट हो रही हैं जिससे उत्तराखण्ड की छवि भी धूमिल हो रही है। नैनीताल में टैक्सी चालक हो या फिर कोई पर्यटन कारोबारी पर्यटकों से जमकर वसूली की जा रही हैं इसका असर सिर्फ पर्यटक पर ही नहीं बल्कि स्थानीय लोगों पर भी सीधा पड़ रहा है..स्थानीय लोगों को भी पर्यटकों के ही रेट पर ही सब कुछ मिलने से जनता भी नाराज है..हांलाकि कोई भी अधिकारी इस पर संज्ञान नहीं ले रहा हैं वो भी तब जब अवैध रुप से नैनीताल में होटल और टैक्सी का कारोबार फल फूल रहा है। तल्लीताल व्यापार मंडल के महासचिव अमनदीप सिंह आंनद ने भी बड़े सवाल उठाए हैं उन्हौने कहा कि पिछले दिनों गुरुद्वारे से वेलकम होटल तक 500 कि डिमांड टैक्सी चालक ने की और रिक्शा चालक भी 20 रुपये पर सवारी ले रहे हैं। अमनदीप ने कहा कि एक अभिभावक को मस्जिद चौराहे से राजभवन गेट तक स्कूल जाना था भी 1500 रुपये की मांग की गई। वही अमदीप ने कहा कि इंडिया होटल के पास पुलिस 5-6 वाहनों को खड़ा कर रहें हैं जिससे जाम लग रहा है और कल ही 20 मिनट खुद खड़ा होकर उन्हौने जाम खुलवाया है जिससे लगता है कि पुलिस की व्यस्थाएँ फेल हैं
लूट सको तो लूटो ये दिन नहीं मिलेगा दोबारा….
दरअसल नैनीताल समेत सभी पर्यटक स्टेशन पर ऐसी ही भीड़ उमड़ रही हैं…गर्मी से बचने के लिये उमड़ी भीड जाम के साथ महंगाई से भी परेशान है। नैनीताल में खाने के दाम पर भुट्टा मिल रहा है तो फास्टफूड़ से लेकर चाय पानी से लेकर होटल रेस्टोरेंट सब महंगा होने से पर्यटक परेशान हैं। हालात ये हैं की सीजन चढने के साथ होटलों में 3 हजार के होटल कमरे 7 हजार रुपये तक मिल रहे हैं तो वहीं टैक्सी चालक भी पर्यटकों से जमकर वसूली कर रहे हैं..हालत ये है कि तल्लीताल से मल्लीताल तक का किराया ही टैक्सी कारोबारी 200 से 300 तक वसूल रहे हैं जिससे शहर के लोगों को परेशानियां उठानी पड़ रही हैं.…ठीक पर्यटन सीजन के दौरान स्थानीय लोगों की निर्भरता भी महंगी हो गई है सब्जी के दाम भी यहां आसमान छूने लगे है और खाना पीना महंगा होने से पर्यटक से लेकर स्थानीय लोग तक परेशान हैं।
यूपी से नैनीताल पहुंची पर्यटक जान्ह्वी कहती हैं कि वो धूमने आई हैं लेकिन कई गुना दाम में होटल मिल रहे हैं जिसके चलते वो दिन में ही घूमकर वापस लौट रही हैं और खाने पीना भी यहां तीन गुना ज्यादा है जिस पर प्रशासन को लगाम लगाना चाहिये..जान्ह्वी कहती हैं कि ठीक है कि पर्यटन कारोबारी पर्यटकों से कमाएंगे लेकिन जो लूट है उस पर रोकथाम लगनी चाहिये..वहीं पर्यटक पिंकी कहती हैं कि यहां के प्रशासन को सोचना चाहिये यहां टूरिस्ट को बेतहर सुविधा कैसे मिल सके।
टैक्सी होटल के रसूक के चलते जिला प्रशासन लाचार
दरअसल नैनीताल में सीजन के दौरान हर बार यही हाल रहता है..बावजूद इसके प्रशासन इन पर कार्रवाई करने से कतराता है। पर्यटक सीजन की बैठक के दौरान के दावे भी हवा हवाई हो रहे हैं तो होटल रेस्टोरेंट समेत टैक्सी में मची लूट की जानकारी प्रशासन के पास ही नहीं हैं। इन अवैध होटलों का रसूक इस कदर है कि प्रशासन भी इन पर कार्रवाई नहीं कर सकता है कुछ लोगों ने नाम ना छापने की सर्त पर बताया कि नैनीताल में पुलिस से लेकर जिला प्रशासन तक को फ्री के कमरे और टैक्सी चाय पानी चाहिये होती हैं जिसके चलते वो इन अवैध होटलों से लेकर बाहर से यहां कारोबार करने आए विशेष समुदाय के लोगों पर कार्रवाई नहीं करते हैं। जब हमने इस पर नैनीताल जिला प्रशासन से सवाल पूछा तो एसडीएम नैनीताल ने कहा कि अगर कोई शिकायत आयेगी तो उन पर कार्रवाई होगी..साथ ही जल्द एक अभियान चलाया जायेगा ताकि ऐसे लोगों को चिन्हित कर कानूनी कार्रवाई कर सकें।