बड़ी बात….जीवन बिताया जंगलों में घर जाते वक्त लग गयी लॉटरी….. जमकर मिलेगा पैंसा तो मौज में कटेगा बुढापा….हाई कोर्ट के आदेश ने करा दी मौज…

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नैनीताल – वन विभाग में 1988 से नियमितिकरण की लड़ाई लड रहे डेलीवेजज में काम करने वाले कर्मचारियों के लिय अच्छी खबर है। उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने इन सभी कर्मचारियों को नियमित मानकर सेवानिवृत्ति लाभ पेंसन ग्रेज्यूटी समेत सभी लाभ देने का आदेश दिया है। कार्यवाहक चीफ जस्टिस कोर्ट ने एकलपीठ के फैसले को सही बताते हुए कर्मचारियों को ये लाभ देने का आदेश दिया है। आपको बतादें कि 1988 से नियमित करने की मांग को लेकर सरकार से वन कर्मचारी लड़ रहे थे जिसमें कई कर्मचारी सेवा निवृत्त हो गये..सरकार से हार चुके कर्मचारियों ने हाईकोर्ट की सरण ली और रेगुलर करने की मांग की थी याचिका में कहा गया कि 40 सालों से नौकरी कर रहे थे लेकिन हाईकोर्ट सुप्रीम कोर्ट के आदेश होने के बाद भी इनको पक्का नहीं किया जा रहा है और ना ही सेवा का लाभ दिया जा रहा है ..इस याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस शरद शर्मा की कोर्ट ने 17 दिसंबर 2021 को आदेश दिया कि 19 जून 1991 से वन विभाग में काम करने वाले डेलीवेजज कर्मचारियों को पुत्ती लाल वर्सेज सरकार के केस के आधार पर नियमित करने के साथ सभी लाभ दिया जाए। ऐसा ही एक मामला सुरेश का भी हाईकोर्ट पहुंचा तो जस्टिस मनोज तिवाड़ी ने हायर बेंच के लिये मामले को रैफर कर दिया कार्यवाहक चीफ जस्टिस कोर्ट ने इस पर निर्णय देते हुए सभी को सेवानिवृत्त लाभ देने का आदेश दिया है हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद हजारों कर्मचारियों को इसका लाभ मिल सकेगा।

यूपी सरकार पहले ही दे चुकी है ये लाभ..उत्तराखण्ड सरकार ने टाला….

दरअसल यूपी के दौरान यूपी हाईकोर्ट ने पुत्ती लाल वर्सेज स्टेट के केस में आदेश कर कहा था कि सभी को 1991 से नियमित मानते हुए सभी लाभ दिया जाए लेकिन उत्तराखण्ड बनने के बाद ये लाभ कर्मचारियों को नहीं मिला हांलाकि यूपी राज्य ने 2005 तक सभी कर्मचारियों को ये लाभ दे दिया था वहीं उत्तराखण्ड में कैलाश जोशी के केस में सुप्रीम कोर्ट ने भी उत्तराखण्ड हाईकोर्ट का आदेश पर मुहर लगाते हुए सभी लाभ देने के आदेश दिया था बावजूद इसके अब तक ये लाभ नहीं दिया गया।