तराई में हाईकोर्ट ले जाने वालों को युवा वकील ने दी चुनौती…गैरसैंण बनेगी हाईकोर्ट हम देंगे हाउसिंग सोसाइटी अपनी पैतृक जमीन…अगर आप मे दम है तो रामनगर हल्द्वानी देहरादून में आप दें जमीन… राजधानी के लिये बने भवन में चलाई जाए हाईकोर्ट सरकार का राजस्व भी बनेगा.

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नैनीताल – नैनीताल हाईकोर्ट को शिफ्ट करने के मामले में रार रुकने का नाम नहीं ले रही है। हाईकोर्ट को शिफ्ट करने की चर्चा के बीच उत्तराखण्ड हाईकोर्ट के युवा वकील ने घोषणा कर दी है कि अगर हाईकोर्ट गैरसैंण में बनेगी तो वो वकीलों के आवास के लिये अपनी जमीन देंगे जितना जरुरी होगा…..नैनीताल हाईकोर्ट के वकील मुकेश रावत ने कहा इसके लिये वो पहल कर रहे हैं और पहाड़ में ही हाईकोर्ट रहनी चाहिये।

हाईकोर्ट बार एसोसिएशन सभागार में आयोजित सभा के दौरान मुकेश रावत ने कहा की जब उत्तराखण्ड बना तब उन्हौने भी बचपन में उनके पिता माता के साथ उन्हौने भी भाग लिये पहाड़ का विकास हो ये कल्पना था आज इसे पहाड़ में ही शिफ्ट होना चाहिये। मुकेश रावत ने कहा कि जो हाउसिंग सोसाइटी की जरुरत है उसके लिये वो अपनी पैतृक जमीन देने को तैयार हैं। मुकेश रावत ने कहा उनका मन है कि पहाड़ का विकास हो सरकार ने एम्स समेत सभी बड़े संस्थान तराई में खोले जा रहे हैं ऐसे में अगर पहाड का विकास करना है तो पहाड़ में हाईकोर्ट और बड़े संस्थान खोलने होंगे इस लिये वो तैयार हैं कि गैरसैंण में हाईकोर्ट का निर्माण हो।

इसके साथ ही युवा वकील प्रभात बोरा ने कहा कि गैरसैंण में विधानसभा का भवन बना है और सरकार देहरादून से पहाड़ आना नहीं चाहती हैं..होने को ग्रीष्म कालिन राजधानी की घोषणा की गई है लेकिन कुछ सालों में गैरसैंण विधानसभा भवन सिर्फ सफेद हाथी के तौर पर रहेगा। प्रभात बोरा ने कहा हाईकोर्ट नैनीताल में ही रहनी चाहिए लेकिन अगर कोई स्टडी सरकार ने की है की जरुरी है कि हाईकोर्ट को गैरसैंण शिफ्ट करना चाहिये बोरा कहते हैं कि कर्ज में डूबे राज्य की कम खर्चे में गैरसैंण विधानसभा के लिये तैयार भवन में हाईकोर्ट बनाई जाए। क्योंकि शिफ्टिंग में अनुमानित लागत 2 हजार करोड़ खर्चा होगा क्यों भार राज्य को दिया जाए।