देहरादून: हल्द्वानी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आजकल अपने दिल्ली दौरे पर हैं इस बेहद अहम राजधानी दौरे के दौरान सीएम पुष्कर धामी केंद्रीय मंत्री से ताबड़तोड़ मुलाकात कर रहे हैं, वहीं आज पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल . संतोष से भाजपा के राष्ट्रीय कार्यालय में जाकर मुलाकात की सूत्रों की माने तो , मंत्रिमंडल को लेकर विस्तार से चर्चा की गई अब संभावना है कि शायद अब उत्तराखंड में मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है जिसमें कई नए चेहरों को मौका मिल सकता है और 3 मंत्री की छुट्टी हो सकती है। साथ ही सीएम धामी ने यूसीसी ड्राफ्ट कमिटी के सदस्यों के साथ भी मुलाकात करके ली थी ड्राफ्ट की जानकारी दी।
महाराष्ट्र में नाटकीय घटनाक्रम के बाद मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अब उत्तराखंड में खासी हलचल मची हुई है। लंबे समय से खाली चल रही मंत्रियों के की सीट पर कई विधायकों की नजर है। वहीं पिछले दिनों एक विधायक के निधन के बाद एक सीट और खाली हो गई है।
महाराष्ट्र मैं हुए मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अब उत्तराखंड के विधायकों में भी पद पानी की आस जग गई है। उत्तराखंड में कैबिनेट विस्तार को लेकर काफी समय से विधायकों में उम्मीद लगी हुई है कि क्या पता खाली पड़े मंत्री के पदों पर उनकी किस्मत जाग जाए? हालांकि यह भी चर्चाएं आम हैं कि कैबिनेट विस्तार तो होगा ही संभवत कुछ मंत्रियों के विकेट भी डाउन हो सकते हैं। ऐसे में नए चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है।
कैबिनेट विस्तार को लेकर शीर्ष नेतृत्व से कई दौर की चर्चाओं के बाद भी सीएम की चुप्पी इस बात की ओर इशारा कर रही है कि मंत्रिमंडल में कुछ ना कुछ नया होना संभव है। कैबिनेट विस्तार को लेकर सियासी गलियारे एक बार फिर गरमा गई हैं। सूत्रों की मानें तो कुछ मंत्रियों पर तलवार लटक रही है और कुछ विधायकों की किस्मत खुलने वाली है।
विदित हो कि उत्तराखंड में मुख्यमंत्री सहित 12 सदस्यों का मंत्रिमंडल है। 23 मार्च 2022 को मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी ने शपथ ली थी तब उनके साथ आठ विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ग्रहण की थी। जिनमे सतपाल महाराज, डॉ धन सिंह रावत, गणेश जोशी, सौरभ बहुगुणा, रेखा आर्य, सुबोध उनियाल, चंदन रामदास और प्रेमचन्द अग्रवाल शामिल थे।
शुरू से कैबिनेट में तीन पद खाली चल रहे थे। फिर मंत्री चंदन रामदास के निधन के बाद अब कुल चार पद खाली हैं। अब तो चर्चा ये भी है कि कैबिनेट से दो मंत्रियों की छुट्टी की जा सकती है। संभवतः उन्हें कहीं और किसी पद पर एडजस्ट किया जा सकता है। विधानसभा में बैकडोर भर्तियों और ऋषिकेश में भाजपा कार्यकर्ता से बीच सड़क में मारपीट प्रकरण सहित कई मामलों में मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के कारण सरकार की काफी किरकिरी हो चुकी है।
वहीं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज को लेकर भी अकसर विवाद की स्थिति बनी रहती है। यात्रा सीजन के दौरान के दौरान भी पर्यटन मंत्री नदारद होने से सरकार को काफी फजीहत उठानी पड़ी। ऐसे में माना जा रहा है कि महाराज की विदाई भी हो सकती है। ऐसे में कुछ नए चेहरों को कैबिनेट में जगह मिल सकती है।
मंत्री चंदन रामदास के निधन के बाद इस आरक्षित सीट पर किसी अरक्षित चेहरे को ही मंत्री पद दिया जा सकता है। कुमाऊ से नैनीताल विधायक सरिता आर्य, देहरादून से विधायक खजानदास आरक्षित सीट पर आ सकते हैं। यह भी चर्चा है कि अगर देहरादून से किसी मंत्री को हटाया जाता है तो देहरादून से ही किसी और विधायक की किस्मत जाग सकती है। इनमें भी इन दिनों सक्रिय विधायक उमेश शर्मा काऊ लाइन में हैं।
अब तक चार मंत्री पदों पर विधायकों की ताजपोशी होने की उम्मीद थी लेकिन अब दो मंत्रियों की छुट्टी होने की चर्चाओं ने जोर पकड़ा है तो छह विधायकों की किस्मत के ताला खुल सकता है। विधायक उमेश शर्मा, दिलीप रावत, खजानदास, विनोद चमोली, राम सिंह कैड़ा, मुन्ना सिंघ चौहान और सरिता आर्य के नामों की चर्चाएं मंत्री पद के लिए चल रही है।
राजनीतिक गलियारों में तो यह चर्चा भी आम है कि बीजेपी के फैसले अकसर चौकाने वाले होता है तो अब भी यही माना जा रहा है कि इस बार कुछ अप्रत्याशित रिजल्ट सामने आ सकता है। उधर राज्य का मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस भी कैबिनेट विस्तार पर नजरें गड़ाए हुए कि अब गढ़वाल और कुमाऊ में भाजपा का शीर्ष नेतृत्व किस तरह से समीकरण बैठाता है। वर्तमान में कैबिनेट के विस्तार आगामी लोकसभा चुनाव के लिहाज से भी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।