@.परेशानी… ★. बारिश नहीं होने से सूखने के कगार पर फसलें । ★. ओखलकांडा के ग्रामीणों ने मुख्य विकास अधिकारी को सौंपा ज्ञापन रिपोर्ट (चन्दन सिंह बिष्ट) “स्टार खबर”

99

@.परेशानी…

★. बारिश नहीं होने से सूखने के कगार पर फसलें ।

★. ओखलकांडा के ग्रामीणों ने मुख्य विकास अधिकारी को सौंपा ज्ञापन

रिपोर्ट (चन्दन सिंह बिष्ट) “स्टार खबर”

भीमताल नैनीताल
पांच माह से बारिश नहीं होने से ओखलकांडा ब्लॉक के सब्जी और फसल उत्पादक क्षेत्रों के किसानों को खेतों में लगी फसलों के खराब होने की चिंता सताने लगी है।

बारिश के अभाव में असिचिंत भूमि से जुड़े किसान परेशान हैं। धारी ,रामगढ़ ,ओखलकांडा मोरनौला ,बेड़चुला ,कटना कोटला ढोलीगांव ,कांडा ,खनस्यू ,पहापानी भीडापानी में किसानों ने मटर, गेहूं, जौ, सरसों और मसूर की फसल बोई है। इन दिनों फसलों को पानी की जरूरत हैं ।जो उन्हें नहीं मिल पा रहा है। खनस्यू निवासी मनोहर सुयाल और राजेंद्र सिंह मेहता व अन्य किसानों ने बताया कि बारिश नहीं होने से आलू मटर और गेहूं की फसल कम उग पाई है। आडू, प्लम और खुबानी के बगीचों को पानी नहीं मिलने से खेत बंजर होने से पेड़ों की खुदाई प्रभावित हो रही है। किसानों ने कहा कि 24जनवरी तक औसतन बारिश नहीं हुई है जिससे 60 प्रतिशत से अधिक फसल बर्बाद हो गई है। वहीं कहा कि सिंचाई नहरों के क्षतिग्रस्त होने से भी फसलों को पानी नहीं मिल पा रहा है। उधर भीमताल, बेतालघाट, धारी, ओखलकांडा और रामगढ़ में भी बारिश नहीं होने से किसान मायूस हैं। जिले में 25 हजार हेक्टेयर में रवि की फसलों की खेती की जाती है। जिले में 48 हजार से अधिक किसान खेतीबाड़ी कर आजीविका चलाते हैं। वही ओखलकांडा के सामाजिक कार्यकर्ता एवं पूर्व प्रधान मदन मदन से नौलिया ने मुख्य विकास अधिकारी को ज्ञापन सौंप है इसमें उन्होंने कहा कि विकासखंड ओखलकांडा को सूखाग्रस्त घोषित कर किसानों को उचित मुआवजा एवं बीज़ उपलब्ध कराने की बात कही है । वहीं पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष प्रमोद सिंह कोटलिया ने कहा कि लंबे समय से बारिश न होने के कारण किसानों की फसल पूर्ण रूप से नष्ट हो चुकी है और किसान फसल पर ही निर्भर हैं फसल नष्ट होने के कारण किसानों की आजीविका में बुरा प्रभाव पड़ा रहा है । ज्ञापन देते समय प्रमोद सिंह कोटलिया पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष हल्द्वानी एवं मदन सिंह नौलिया पूर्व ग्राम प्रधान कुकना सहित राजेंद्र सिंह‌ मेहता सहित अन्य ग्रामीण मौजूद रहे ।