उत्तराखंड के पाँचों सांसद,सांसद निधि खर्च करने में रहे फिसड्डी..अब क्या एक बार फिर से जनता चुनेगी इन्हें..?आर.टी.आई में हुआ खुलासा…
लोकसभा चुनावों की आहट पुनः देश के सामने है।लेकिन लोकतंत्र में आमजन को केवल यह जाँच करनी चाहिए कि जिसे भी उसने सांसद बनाया था उस व्यक्तित्व ने सांसद निधि का उपयोग कैसे किया है।हालांकि इस समय देश में मोदी की आँधी चल रही है।और केवल पार्टी का टिकट मिलना ही जीत की गारंटी बन जा रही है।पर इन बातों से इतर इन सांसदों के पिछले पाँच वर्षों का लेखा-जोखा रखना भी जरूरी हो जाता है।दरअसल काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन एडवोकेट ने उत्तराखंड के लोक सभा सांसदों की सांसद निधि खर्च का विवरण मांगा था।जिसके अनुसार उत्तराखंड के पांच में से तीन सांसद इस निधि का बड़ा भाग प्राप्त ही नही कर पाये। उत्तराखंड में सांसदों की 61 प्रतिशत कुल 54.49 करोड़ की सांसद निधि खर्च होने अभी शेष है। लोकसभा सांसदों का कार्यकाल समाप्त होने को है लेकिन 3 सांसदों की 22.02 करोड़ की सांसद निधि जारी ही नही हुई है।केन्द्रीय मंत्री तथा नैनीताल सांसद अजय भट्ट की 59.55 प्रतिशत 10.30 करोड़ तथा पूर्व मुख्यमंत्री तथा पौड़ी सांसद तीरथ सिंह रावत की 71.55 प्रतिशत 12.34 करोड़ की सांसद निधि खर्च नहीं हो सकी।
पाँच सांसदों में से तीन सांसद तो प्राप्त भी न कर सके पूरी 17 करोड़ की धनराशि..नैनीताल से सांसद अजय भट्ट भी रहे बड़े फिसड्डी…
उत्तराखंड के वर्तमान 5 लोक सभा सांसद कुल 85 करोड़ की सांसद निधि प्राप्त करने के पात्र हैं लेकिन उन्हें पिछली सांसद निधि किस्त के खर्च सम्बन्धी प्रमाण, आडिट रिपोर्ट आदि प्राप्त न होने के कारण 22.02 करोड़ की सांसद निधि 31 दिसम्बर 23 तक जारी ही नहीं हुई है। जबकि भारत सरकार से प्राप्त 62.98 करोड़ की सांसद निधि में 3.42 करोड़ का ब्याज जोड़कर कुल 66.4 करोड़ की सांसद निधि में से दिसम्बर 2023 तक 32.47 करोड़ की सांसद निधि खर्च नहीं हो सकी।अभी तक जारी न हुई राशि जोड़कर कुल 88.42 करोड़ की सांसद निधि जो कुल सांसद निधि का 61.62 प्रतिशत है अभी तक खर्च होने को शेष है।नैनीताल उधमसिंह नगर लोकसभा सीट पर चुने गए सांसद अजय भट्ट को जारी 31 दिसम्बर 23 तक मात्र 7 करोड़ 66 लाख जारी हुए।हालांकि हरिद्वार सांसद डा0 रमेश पोखरियाल तथा पौड़ी सांसद तीरथ सिंह रावत को ही पूरी 17-17 करोड़ रूपये की सांसद निधि जारी हुई है।लेकिन खर्च के मामले में वो भी फिसड्डी ही रहे। अल्मोड़ा सांसद अजय टम्टा की 11 करोड़ 81 लाख 50 हजार तथा टिहरी सांसद माला राज लक्ष्मी की 9 करोड़ 50 लाख की सांसद निधि ही भारत सरकार से जारी हो सकी है।