चुनावों के समय केवल बड़े राजनीतिक दल ही ड्रामे बाज़ी नही करते बल्कि कुछ अंजान चेहरे भी प्रसिद्धि पाने के लिए करते है अजब-गज़ब कारनामें…

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एम.बी.ए की डिग्री हासिल कर विदेश में नौकरी करने का था ऑफर..लेकिन समाज सेवा का जज्बा ले आया अर्थी बाबा को राजनीति में…

लोकसभा के इस चुनावी समर में राजनीतिक दलों द्वारा नामांकन के समय भारी भीड़,गाडियाँ, गाजे-बाजे के साथ भरपूर दमखम प्रदर्शित किया जाता है।लेकिन गोरखपुर में निर्दलीय उम्मीदवार राजन यादव उर्फ अर्थी बाबा मंगलवार को अर्थी पर सवार होकर कलेक्ट्रेट पहुंचे और अपना नामांकन दाखिल किया।सबसे खास बात ये रही कि अर्थी बाबा ने अपना चुनाव कार्यालय भी श्मशान घाट में ही खोल रखा है।बकौल अर्थी बाबा वो चुनाव इस वजह से लड़ रहे हैं क्योंकि उनका मौजूदा व्यवस्था पर से विश्वास उठ चुका है।जननायक जनता के मुद्दे नहीं उठाते। इस लिए मुद्दे भी श्मशान बन गए हैं। यही वजह है कि मैंने श्मशान घाट पर ही अपना कार्यालय भी बनाया है।और सवारी भी अर्थी को बनाया है।

गरीबों की मदद करके समाज सेवा करना चाहते हैं राजन यादव..लोग याद रखें इसलिए कार्यालय बनाया शमशान में…

आपको बता दें कि राजन यादव ने एमबीए की डिग्री हासिल की है।अर्थी बाबा ने मीडिया को बताया कि वह वर्ष 2009 में योगी आदित्यनाथ के खिलाफ भी विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। साथ ही उन्होंने देश के मौजूदा रक्षा मंत्री राजनाथ के खिलाफ भी 2014 में पर्चा भरा था। हालांकि जब लखनऊ से उनका पर्चा खारिज कर दिया गया तो वह 2014 में ही बनारस से पीएम मोदी के खिलाफ भी पर्चा भरने गए थे।लेकिन उन्हें वहां से भी पर्चा नहीं भरने दिया गया.बकौल अर्थी बाबा वर्ष 2019 में वह अखिलेश यादव के खिलाफ भी चुनाव लड़ने की कोशिश कर चुके हैं।पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के ख़िलाफ़ भी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार वो बनना चाहते थे पर उन्हें प्रस्तावक ही नही मिले।