@कुमाऊं विश्वविधालय के निदेशक विजिटिंग प्रोफेसर प्रो.ललित तिवारी का ऑनलाइन व्याख्यान…..
★रिपोर्ट- (सुनील भारती ) “स्टार खबर” नैनीताल….
नैनीताल/ कुमाऊं विश्वविधालय के निदेशक विजिटिंग प्रोफेसर प्रो.ललित तिवारी ने आज ऑनलाइन माध्यम से यूजीसी एमएमटीटी सी कुमाऊं विश्वविधालय द्वारा आयोजित फैकल्टी इंडक्शन प्रोग्राम में दो व्याख्यान दिए । प्रो. तिवारी ने कहा की जीवन को सतत विकास के क्रम रखने के लिए में जैव विविधता की जरूरत है इसलिए इनका संरक्षण करना अनिवार्य है । इस वर्ष ताप मान का 52 डिग्री और नैनीताल में 35 डिग्री तक पहुंचा प्रकृति के अनियमित दोहन का परिणाम है । प्रो. तिवारी ने कहा की मानव का पूरा जीवन पौधो पर ही आधारित है और इनका संरक्षण करना हमारा कर्तव्य है । इस वर्ष की जैव विविधता दिवस तथा पर्यावरण दिवस की थीम बी आ पार्ट ऑफ प्लान तथा अवर लैंड अवर फ्यूचर पर मानव को मिलकर काम करना होगा ।प्रो. तिवारी ने बताया की 22530 प्रजातियां आज एंडेंजर ही गई है जबकि विश्व कई देशों में जैव विविधता 5 से 25 प्रतिशत जीडीपी का निर्माण करती है । प्रो. तिवारी ने यह भी बताया की 3000 बीसी से हम औषधीय पौधों की खेती करते आ रहे है सुषसुत्र संहिता में सबसे पहले 700 औषधीय पौधे 64 प्रिपरेशन प्राकृतिक संपदा तथा 57 प्रिपरेशन जीव जंतु का उल्लखे मिलता है । अभी भी 60 प्रतिशत से उपर औषधिय पौधे जंगल से लिए जा रहे है इनकी खेती की जानी चाहिए। प्रो. तिवारी ने नीम ,तुलसी ,ब्रांगराज ,अदरक, आमला,ब्राह्मी ,लैवेंडर,लौंग ,इलायची,कालीमिर्च ,हल्दी ,पान पत्ता, ईसबगोल, सर्पगंद,बेलड़ोना , सिनकोना ,सफेद मूसली ,अश्वगंधा ,गृतकुमारि, के गुणो की जानकारी दी तथा कहा की विश्व में 52885 मेडिसिनल पौधे है तथा उत्तराखंड के 701 में से 250 क्रूड ड्रग पौधे है जिनका व्यापार होता है । उन्होंने कूट , अतीश , सहित अन्य पौधो की जानकारी भी दी । उन्होंने कहा की ये पौधे ही औषधीय का स्रोत है । विश्व के हर मानव को वर्ष में एक पौधा लगाना होगा जिससे हम प्रकृति संरक्षण की तरफ कदम बड़ा सके । व्याख्यान में डॉक्टर अरुज,डॉक्टर अनिता ,डॉक्टर नईम,डॉक्टर गुप्ता सहित 95 प्रतिभागी सहायक प्राध्यापक शामिल रहे।