नैनीताल – राज्य में निकाय चुनाव 25 अक्टूर तक होने की एक बार फिर चर्चा तेज हो गई है..अगल अगल याचिकाओं की सुनवाई के दौरान अब अपर सचिव शहरी विकास हाईकोर्ट में पेश हुए जिसके बाद उन्हौने कोर्ट को जानकारी दी है कि 25 अक्टूबर तक राज्य में निकाय चुनाव करा दिये जायेंगे..हांलाकि सरकार निकाय चुनाव के लिये कोर्ट से समय की मांग कर रही थी लेकिन कोर्ट ने कहा कि जब निकाय चुनाव की तारिख ही तय नहीं है तो कैसे वो समय दे सकते हैं..कोर्ट ने सरकार से ही पूछा कि कब तक निकायों के चुनाव करा दिये जायेंगे जिसके बाद अक्टूबर महिने में चुनाव कराने की बात सरकार ने कही है..हाईकोर्ट राज्य में निकाय चुनाव कराने वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है..नेताओं की नजरें भी हाईकोर्ट पर लगी हैं.हांलाकि इस मामले में सितंबर महिने में इस पर स्थिति एकदम साफ हो सकेगी 6 सितंबर में हाईकोर्ट फिर सुनवाई करेगी..
वहीं सुनवाई के दौरान राज्य निर्वाचन आयोग के अधिवक्ता की ओर से बताया गया कि अभी राज्य में निर्वाचन आयुक्त का पद खाली है लिहाजा अभी चुनाव प्रक्रिया शुरु करना संभव नहीं है जिस पर कोर्ट में सरकार ने कहा कि सितंबर महिने में राज्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्त कर दी जायेगी जिसके बाद चुनाव प्रक्रिया जारी कर दी जायेगी..
चुनाव में लेट लतिफी पर सवाल…
दरअसल राज्य में 2 दिसंबर 2023 को निकायों का कार्यकाल खत्म हो गया था जिसके बाद राज्य सरकार ने 6 महिनों के लिये प्रशासकों की नियुक्ति कर दी गई..2 जून को प्रशासकों का कार्यकाल खत्म होने के बाद सरकार ने उनका कार्यकाल खत्म हो गया तो चुनाव कराने के लिये कई याचिकाएं हाईकोर्ट पहुंच गई..इन याचिकाओं में सुनवाई के दौरान पहले भी सरकार ने 6 महिने मे चुनाव कराने की बात कही थी तो बाद में सरकार ने लोकसभा चुनावों व अन्य व्यस्थता के चलते चुनाव में देरी की बात कही..हांलाकि अब एक बार फिर राज्य सरकार की ओर से कहा गया है कि 25 अक्टूबर तक चुनाव प्रक्रिया कर दी जायेगी..निर्वाचन आयोग के अधिवक्ता संजय भट्ट ने कहा कि राज्य में इस वक्त राज्य निर्वाचन आयुक्त का पद खाली है बिना निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति के चुनाव संभव नहीं हो सकता है..क्योंकि मतदाता सूची का प्रकाशन और कई नए क्षेत्र इसमें जुड़े हैं उनको शामिल करने की प्रक्रिया का पालन होना संभव नहीं है..इसके साथ ही पिथौरागढ और अल्मोड़ा को नगर निगम बनाया गया है वहां भी प्रक्रिया पूरी करनी होगी..सरकार की अनुमति के बाद कुल 45 दिनों का समय हर काम पूरा करने के लिये चाहिये हैं..
वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता डीके जोशी का कहना है कि 2 दिसंबर तक चुनाव हो जाने चाहिये थे संवैधानिक स्थिति थी..हाईकोर्ट इस लिये आए हैं कि सरकार संवैधानिक दायित्व को पूरा किया जा सके..डीके जोशी ने कहा कि क्या इस स्टेटमेंट का भरोषा किया जा सकता है क्योकि पहले भी दिया था और आज भी कहा है जिसका कोई आँप्शन नहीं बचा।