@विदेशी फल ब्लूबेरी की खेती अब पहाड़ो में .. ★इस तरह की खेती से पहाड़ों में रोजगार के अवसर बढ़ेगे और पलायन को भी रोक जा सकेगा… ★रिपोर्ट- ( सुनील भारती) “स्टार खबर” नैनीताल..

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@विदेशी फल ब्लूबेरी की खेती अब पहाड़ो में ..

★इस तरह की खेती से पहाड़ों में रोजगार के अवसर बढ़ेगे और पलायन को भी रोक जा सकेगा…

★रिपोर्ट- ( सुनील भारती) “स्टार खबर” नैनीताल..

नैनीताल/ नैनीताल से 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित (भिड़ापानी ) पतलिया में ब्लूबेरी की खेती की जा रही है जहाँ एक ओर युवा पहाड़ से पलायन कर रहे है वहीं इस तरह की खेती से पहाड़ों में रोजगार के अवसर बढ़ेगे और पलायन को भी रोक जा सकेगा।

पहाड़ के एक छोटे से गांव पतलिया गांव में 1000 नाली में पॉली हाउस में लगाया गया है जहां ब्लूबेरी की नर्सरी अब पेड़ का रूप लेने लगी है। फार्मिंग कंपनी की ओर से इसकी खेती को करने के लिए कसरत की जा रही है। जहाँ उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र में पारंपरिक खेती की जाती थी वही अब विदशों में पैदा होने वाली ब्लूबेरी की खेती यहाँ होने लगी है। किसान अपने खेतों में विदेशी फलों के बाग-बगीचे व पॉली हाउस में सुपर फूड की खेती की ओर आगे बढ़ रहा है । ब्लूबेरी फल को मई जून में तोड़ा जाता है । वहीं, मानसून के आगमन के बाद ब्लूबेरी के पौधों की छंटाई की जाती है। छंटाई करने के दो से तीन महीने बाद सितंबर- अक्तूबर तक उसमें शाखाएं आने लगती हैं और फूल लगने शुरू भी हो जाते है।

सुपर फूड कहे जाने वाले में अमेरिकन ब्लूबेरी फल है। भारत में अमेरिका से ब्लूबेरी आयात किया जाता है लेकिन अब इसकी खेती उत्तराखंड में वैज्ञानिक विधि से होने होने लगी है।
सुपरफूड से मुनाफे को देखते हुए किसान अब इस तरह की बागवानी तरफ रुख करने लगे हैं।ब्लूबेरी फल बेहद महंगा है। जो एक हजार रुपये किलो से लेकर दो हजार रुपये किलो के दामों पर बिकता है ।