@आदेश… ★. प्रदेश के 13वें डीजीपी बने दीपम सेठ, तेज तर्रार अधिकारियों में है गिनती ★. गृह विभाग ने जारी किए आदेश, 1995 बैच के हैं आईपीएस अधिकारी रिपोर्ट (चन्दन सिंह बिष्ट) “स्टार खबर”

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★. प्रदेश के 13वें डीजीपी बने दीपम सेठ, तेज तर्रार अधिकारियों में है गिनती

★. गृह विभाग ने जारी किए आदेश, 1995 बैच के हैं आईपीएस अधिकारी

रिपोर्ट (चन्दन सिंह बिष्ट) “स्टार खबर”

देहरादून:
दीपम सेठ उत्तराखंड के 13वें डीजीपी बन गए हैं। गृह विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। एडीजी दीपम सेठ ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटकर सोमवार को मूल कैडर ज्वाइन किया। ज्वाइन करते ही उन्हें पुलिस के 13वें मुखिया की जिम्मेदारी भी दी गई।दीपम सेठ 1995 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। और वर्ष 2019 से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर थे। अभी उनकी प्रतिनियुक्ति अवधि पूरी नहीं हुई थी कि शासन ने उन्हें वापस बुलाने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा था। पत्र के एक दिन बाद ही केंद्र ने उन्हें रिलीव भी कर दिया। बता दें कि एडीजी दीपम सेठ उत्तराखंड कैडर के वर्तमान में सबसे वरिष्ठ अधिकारी हैं। पिछले साल पूर्व डीजीपी अशोक कुमार के सेवानिवृत्त होने के बाद सेठ के वापस आने की चर्चाएं हुई थीं।सरकार ने उनका नाम भी डीजीपी के पैनल में शामिल करते हुए यूपीएससी को भेजा था। लेकिन, वह प्रतिनियुक्ति से वापस नहीं आए थे। ऐसे में सभी जरूरी अर्हताएं पूरी करने वाले अधिकारियों में एडीजी अभिनव कुमार का नंबर आ गया था। उन्होंने पिछले साल 30 नवंबर की शाम को प्रदेश के 12वें डीजीपी (कार्यवाहक) के रूप में पुलिस की कमान संभाली थी। लेकिन, पिछले दिनों फिर से डीजीपी के चयन के लिए एक पैनल यूपीएससी भेजा गया। मगर, इस पैनल में अभिनव कुमार का नाम शामिल नहीं था।
यूपी की तर्ज पर डीजीपी का करने की सिफारिश पिछले दिनों कार्यवाहक डीजीपी अभिनव कुमार ने गृह सचिव को पत्र लिखकर यहां डीजीपी का चयन यूपी की तर्ज पर करने की सिफारिश की थी। उन्होंने मौजूदा उत्तराखंड पुलिस एक्ट के नियमों का हवाला भी दिया था। इसमें दो साल के लिए शासन की समिति ही डीजीपी का चयन कर सकती है। लेकिन, अब एकाएक गृह विभाग की ओर से केंद्र सरकार को शुक्रवार को पत्र लिखकर आईपीएस दीपम सेठ को वापस भेजने की मांग की थी।इस मांग को केंद्र सरकार ने भी अगले ही दिन स्वीकृत कर लिया और सेठ को शनिवार को रिलीव कर दिया गया। अब एडीजी दीपम सेठ सोमवार को दून आकर अपना मूल कैडर ज्वाइन करेंगे। सूत्रों के अनुसार ज्वाइन करने के बाद उन्हें पुलिस की कमान सौंपने की तैयारियां भी की जा रही हैं। इस संबंध में शासन स्तर पर सारी औपचारिकताएं भी पूरी कर ली हैं।