@. हैरानी… ★. वन निगम में स्केलर के रिक्त पदों के लिए कटऑफ बनाना हुआ मुश्किल ★. 100 में से 35 नंबर पर भी करना पड़ा सलेक्शन, सरकारी नौकरी के लिए नहीं मिल रहे काबिल युवा रिपोर्ट (चन्दन सिंह बिष्ट) “स्टार खबर”

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@. हैरानी…

★. वन निगम में स्केलर के रिक्त पदों के लिए कटऑफ बनाना हुआ मुश्किल

★. 100 में से 35 नंबर पर भी करना पड़ा सलेक्शन, सरकारी नौकरी के लिए नहीं मिल रहे काबिल युवा

रिपोर्ट (चन्दन सिंह बिष्ट) “स्टार खबर”

देहरादून ,नैनीताल : एक तरफ युवाओं को नौकरी न मिलने की बात होती है, तमाम हो हल्ला मचता है, लेकिन दूसरी तरफ स्थिति यह है कि सरकार जो वेकेंसी निकाल रही है, उसके लिए काबिल युवा नहीं मिल रहे हैं। 2 दिन पहले जारी हुए वन विभाग के स्केलर पदों के लिए चयन आयोग को योग्य उम्मीदवार ढूंढने भारी पड़ गए। नतीजा यह हुआ कि 100 में से महज 35 नंबर लाने वाले युवाओं को भी आयोग का बुलावा भेजा गया है। इसके बावजूद कई श्रेणियां में पद खाली रहने की आशंका है। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने इस साल मार्च में वन विकास निगम में स्केलर के 200 पदों के लिए विज्ञप्ति जारी की थी। इन पदों के लिए पहले शारीरिक माप और दक्षता परीक्षा आयोजित की गई। इसके बाद अभ्यर्थियों की लिखित परीक्षा अगस्त में ली गई थी। लिखित परीक्षा 100 अंकों की थी और इसका पेपर भी आसान आया था, लेकिन अभ्यर्थियों के इस परीक्षा में अभ्यर्थियों के इतने कम नंबर आए ।है कि कटऑफ बनाना ही आयोग के लिए मुश्किल हो गया। विज्ञप्ति की शर्त के अनुसार सामान्य, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस श्रेणी के आवेदकों को परीक्षा में कम से कम 45 प्रतिशत अंक लाना जरूरी था, जबकि एससी और एसटी वर्ग के लिए न्यूनतम 35 अंक हासिल करने आवश्यक थे। इस परीक्षा में महज 17 ऐसे अभ्यर्थी रहे जो 60 अंक या उससे ज्यादा हासिल कर पाए। हर श्रेणी में आयोग को न्यूनतम अंक तक जाकर कटऑफ तैयार करनी पड़ी और इन सब को दस्तावेजों की जांच के लिए आयोग ने बुलावा भेजा है।

★. इनमें तो पदों के बराबर भी क्वालिफाई नहीं

ओबीसी के कुल 28 रिक्त पद थे लेकिन ओबीसी में महिला-पुरुष दोनों मिलाकर कुल 23 युवा ही क्वालीफाई कर पाए, क्योंकि बाकी के अंक 45 से भी कम थे। एससी और एसटी वर्ग में तो न्यूनतम क्वालिफाइंग अंक महज 35 ही रखे गये थे। इसके बाद भी पदों के बराबर अभ्यर्थी जुटाना मुश्किल हो गया।

★.:हर भर्ती में होते हैं पद सरेंडर

उत्तराखंड में चाहे लोक सेवा आयोग हो या अधीनस्थ कर्मचारी चयन आयोग दोनों की ही जितनी भी भर्ती निकलती हैं, लगभग उन सभी में कुछ न कुछ पद सरेंडर करने पड़ते हैं, क्योंकि उनके लिए योग्य अभ्यर्थी नहीं मिलते। इस साल अभी तक जिन भर्ती परीक्षाओं का रिजल्ट आया है। उनमें से आठ ऐसी रही है, जिनमें योग्य अभ्यर्थी न मिलने पर आयोग को पद वापस करने पड़े।

“‘छोटे पदों के लिए भर्ती हो या पीसीएस जैसी परीक्षा, आमतौर पर यह देखने में आता है कि अभ्यर्थी विज्ञप्ति निकालने के बाद जब आवेदन कर देते हैं, उसके बाद जाकर तैयारी शुरू करते हैं। यही वजह है कि उनकी तैयारी सही तरीके से नहीं हो पाती और नंबर कम आते हैं। जो युवा नौकरी चाहते हैं, उन्हें इसकी तैयारी सतत रूप से करनी चाहिए। इसके लिए विज्ञप्ति निकलने का इंतजार करना गलत है।””
“अरविंदर सिंह” (निदेशक जीएस विजन एकेडमी)