@. दिलचस्प हुआ नगर निगम चुनाव ★ तो ललित और गजराज का कॉलेज के चुनाव में भी हुआ आमना- सामना ★. गजराज सिंह बिष्ट को टिकट मिलते ही नाराजगी दूर की रिपोर्ट (चन्दन सिंह बिष्ट) स्टार खबर

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@. दिलचस्प हुआ नगर निगम चुनाव

★ तो ललित और गजराज का कॉलेज के चुनाव में भी हुआ आमना- सामना

★. गजराज सिंह बिष्ट को टिकट मिलते ही नाराजगी दूर की

रिपोर्ट (चन्दन सिंह बिष्ट) स्टार खबर

हल्द्वानी काठगोदाम:
भाजपा ने गजराज सिंह बिष्ट को हल्द्वानी-काठगोदाम नगर निगम से मेयर का प्रत्याशी बनाया है। भाजपा ने गजराज को दिन में ही इसके संकेत दे दिए थे। इसी कारण गजराज ने सोमवार दोपहर तीन नामांकन पत्र खरीदे। उधर भाजपा के एक धड़े को इससे बड़ा झटका लगा है।हल्द्वानी नगर निगम की सीट जब से ओबीसी हुई थी तब से ही गजराज बिष्ट ने भाजपा से टिकट की दावेदारी की। भाजपा के एक धड़े ने व्यापारी नेता नवीन वर्मा को पार्टी की सदस्यता दिला दी। गजराज ने तब शक्तिप्रदर्शन के साथ मेयर पद के लिए आवेदन कर चुनाव लड़ने का स्पष्ट संदेश दे दिया था।पर अंतिम अधिसूचना जारी होने पर हल्द्वानी मेयर की सीट सामान्य हो गई। तब कयासबाजी होने लगी कि सीट निवर्तमान मेयर जोगेंद्र रौतेला के लिए ही सामान्य की गई है। सीट सामान्य होने पर गजराज के अरमानों को झटका लगा। इस बीच टिकट के लिए जोगेंद्र रौतेला, रेनू अधिकारी, कौस्तुभानंद, प्रमोद तोलिया, गजराज बिष्ट के नाम पर ही चर्चा हो रहीथी। तीन दिन में पांच नामों में से किसी एक को फाइनल करने पर माथापच्ची होती रही सूत्रों के के अनुसार, भाजपा के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के आशीर्वाद से गजराज का टिकट फाइनल हो गया । पार्टी ने उनसे मेयर चुनाव की तैयारी शुरू करने के लिए कह दिया था। इसके बाद गजराज बिष्ट ने तीन नामांकन पत्र खरीदे। शायद जोगेंद्र रौतेला को भी पार्टी से संकेत मिले गए थे। यही वजह है कि उन्होंने नामांकन फॉर्म तक नहीं खरीदा।

★. गजराज सिंह बिष्ट को टिकट मिलते ही नाराजगी दूर की

कुशल राजनितिज्ञ की तरह गजराज बिष्ट नै टिकट मिलते ही देर शाम टिकट के प्रबल दावेदार रहे जोगेंद्र रौतेला, रेनू अधिकारी, प्रमोद तोलिया और कौस्तुभानंद के घर जाकर उन्हें न केवल मनाया बल्कि पार्टी का वास्ता देकर उनसे चुनाव में जीत का आशीर्वाद भी ले लिया।

तो ललित जोशी और गजराज का कॉलेज के चुनाव में भी हुआ आमना- सामना

चुनाव में भाजपा प्रत्याशी गजराज बिष्ट और कांग्रेस के ललित जोशी का आमना-सामना दूसरी बार होगा। बता दें कि वर्ष 1995 में एमबीपीजी कॉलेज के छात्रसंघ चुनाव में सचिव पद पर दोनों के बीच कड़ा मुकाबला हुआ था। 29 वर्ष के बाद शहर का पहला नागरिक बनने के लिए दोनों एक बार फिर चुनाव मैदान में आमने-सामने हैं।