नैनीताल। हिन्दी एवं अन्य भारतीय भाषा विभाग, कुमाऊँ विश्वविद्यालय नैनीताल, यूकॉस्ट और उत्तराखण्डी भाषा न्यास (उभान) के संयुक्त तत्वावधान में 7-8 मार्च को द्वि-दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन कुमाऊं विश्वविद्यालय के बुरांश सभागार में हो रहा है जिसका विषय “उत्तराखंडी लोक भाषा में समानार्थी शब्दों का प्रयोग एवं समरूप साहित्य का निर्माण” है। कार्यशाला के प्रथम सत्र का उद्घाटन दीपक रावत (आयुक्त कुमाऊं मंडल) एवं समस्त अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता दीपक रावत (आयुक्त कुमाऊं मंडल), विशिष्ठ अतिथि प्रो० दुर्गेश पंत (डी०जी० यूकॉस्ट ऑनलाइन माध्यम से जुड़े), विषय प्रवर्तक डॉ० बिहारी लाल जलंधरी (सचिव उभान), मुख्य वक्ता नीलांबर पांडे (अध्यक्ष उभान) रहे। समस्त अतिथियों का स्वागत प्रो. निर्मला ढैला बोरा (अध्यक्ष हिन्दी विभाग) द्वारा तथा मंच संचालन डॉ० कपिल कुमार ने किया। विषय प्रवर्तक डॉ. बिहारी लाल जलंधरी ने कुमाउनी और गढ़वाली की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि प्रकाश डालते हुए देशभर की भाषाओं की समरूप शब्दावली पर ध्यान आकर्षित किया। मुख्य वक्ता नीलांबर पाण्डेय ने उत्तराखंड की बोलियों का मुख्य आधार संस्कृत को बताते हुए बोलियों की वर्तमान शब्दावली के संरक्षण व स्वरूप पर बात करते हुए इनकी समरूपता पर कार्य करने व एक प्रतिनिधि भाषा बनाने का सुझाव दिया। मंडल आयुक्त दीपक रावत ने अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए उत्तराखंड के गांवों के नामों के साथ जुड़ी स्थानीय भाषा की विशेषता बताते हुए अंग्रेजी समाचार पत्रों की भांति उत्तराखंड की बोलियों के शब्दों को समाचार पत्रों में स्थान देने का सुझाव दिया। धन्यवाद ज्ञापन कूटा अध्यक्ष प्रो. ललित तिवारी द्वारा किया गया।
इस अवसर पर हिन्दी एवं अन्य भारतीय भाषा विभाग के प्रो. चन्द्रकला रावत, डॉ. शुभा मटियानी, डॉ. शशि पाण्डे, मेधा नैलवाल, डॉ. कंचन आर्या, डॉ. दीक्षा मेहरा तथा प्रो. सावित्री कैडा जन्तवाल, प्रो. ज्योति जोशी, प्रो. चित्रा पाण्डेय, प्रो. एम. एस. मावड़ी, डॉ. नन्दन सिंह बिष्ट, प्रो. गीता तिवारी, डॉ. सुची बिष्ट, डॉ. रूमा शाह, डॉ. प्रभा साह, डॉ. संध्या गड़कोटी, नीता शाह, डॉ. पृथ्वी सिंह केदारखंडी, सुल्तान सिंह तोमर, डॉ. हरि सुमन बिष्ट, डॉ. नीता शाह, डॉ. निर्मला जोशी, डॉ. मीना राणा, डॉ. विवेकानंद पाठक, डॉ. भावना जोशी, डॉ. गजेन्द्र सिंह, डॉ. बी.एस. कालाकोटी, डॉ. हयात सिंह रावत, साथ ही ललित मोहन, सृष्टि गंगवार, शिवानी शर्मा, हिमांशु विश्वकर्मा, भगवती बिष्ट, पूजा, धीरज, देवेन्द्र आदि विभिन्न शोधार्थी एवं प्रतिभागी उपस्थित रहे।
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