@बैठक.. ★कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दीवान एस. रावत ने ऑनलाइन बैठक की अध्यक्षता .. ★प्रो. दीवान एस. रावत  ई-पुस्तकें शोधकर्ताओं और स्नातक एवं परास्नातक स्तर के विद्यार्थियों के लिए अत्यंत लाभकारी.. रिपोर्ट- (सुनील भारती ) “स्टार खबर” नैनीताल…

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नैनीताल,
कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दीवान एस. रावत ने आज एक ऑनलाइन बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें विश्वविद्यालय के संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, तथा संबद्ध महाविद्यालयों के प्राचार्य उपस्थित रहे। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य प्रायोगिक एवं सैद्धांतिक कक्षाओं के संचालन, ‘विद्या सेतु’ पहल, तथा ई-पुस्तकों के प्रचार-प्रसार पर चर्चा करना था।
कुलपति प्रो. दीवान एस. रावत ने बैठक के दौरान बताया कि कुमाऊ विश्वविद्यालय के प्रयासो के अंर्तगत विश्वविद्यालय परिसर और संबद्ध महाविद्यालयों के संकाय सदस्यों के सुझावों के आधार पर ई-पुस्तकें खरीदी हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि ये ई-पुस्तकें शोधकर्ताओं और स्नातक एवं परास्नातक स्तर के विद्यार्थियों के लिए अत्यंत लाभकारी हैं। उन्होंने सभी डीन, विभागाध्यक्षों, और प्राचार्यों से आग्रह किया कि वे इस पहल को अधिकतम छात्रों तक पहुँचाने के लिए प्रयास करें ताकि विद्यार्थी इन संसाधनों का समुचित लाभ उठा सकें। राज्य सरकार ने एक राज्य एक सब्सक्रिप्शन योजना के तहत ई-बुक एक्सेस की शुरुआत की है, जिससे छात्रों को विभिन्न विषयों की ई-बुक्स एक ही सब्सक्रिप्शन पर पहुंच प्राप्त हो सकेगी। इससे छात्रों को अपने पाठ्यक्रम के लिए आवश्यक सामग्री तक पहुंच प्राप्त करने में आसानी होगी और उनकी पढ़ाई में सुधार होगा। जिनको उत्तराखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी द्वारा refread.com डिजिटल प्लेटफॉर्म द्वारा छात्र छात्रा द्वारा एक्सेस किया जा सकता है।
इस योजना का उद्देश्य छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना और उन्हें अपने भविष्य के लिए तैयार करना है। राज्य सरकार ने इस योजना के लिए आवश्यक धन का प्रबंध किया है और जल्द ही इसे लागू किया जाएगा।
विद्या सेतु’ पहल पर चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि यह एक शैक्षिक कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य शिक्षा में आ रही बाधाओं को दूर करना और जरूरतमंद छात्रों को सहायता प्रदान करना है। उन्होंने सुझाव दिया कि विश्वविद्यालय के माध्यम से ‘विद्या सेतु’ के माध्यम से छात्रों तक अध्ययन सामग्री पहुँचाने की व्यवस्था की जाए जिससे वे अधिकतम लाभ प्राप्त कर सकें।
उन्होने कहा कि विद्या सेतु कार्यक्रम के अंतर्गत, प्राध्यापकों को विभिन्न महाविद्यालयों में नियुक्त किया गया है। उनसे यह भी अपेक्षा की गई है कि वे न केवल कार्यक्रम के मूल उद्देश्यों को पूरा करें, बल्कि महाविद्यालयों में शैक्षिक संस्कृति को बेहतर बनाने, संसाधनों के आदान-प्रदान और साझा करने के अवसरों की भी खोज करें। कुलपति ने विशेष रूप से जोर दिया कि इस टीम को महाविद्यालयों की कक्षाओं, विशेषकर प्रायोगिक कक्षाओं का दौरा करना चाहिए, सभी हितधारकों, जिसमें छात्रों का भी समावेश है, से बातचीत करनी चाहिए तथा विश्वविद्यालय को विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
कुलपति प्रो. रावत ने जोर देते हुए कहा कि सभी सैद्धांतिक तथा प्रायोगिक कक्षाओं का संचालन निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार और समय पर किया जाना चाहिए। विशेष रूप से, उन्होंने प्रायोगिक कक्षाओं के समयबद्ध संचालन पर बल दिया।। उन्होंने बताया कि टॉपर्स कॉन्क्लेव के दौरान छात्रों द्वारा प्रायोगिक परीक्षाओं की समयबद्धता को लेकर एक महत्वपूर्ण बिंदु उठाया गया था। इस पर ध्यान देते हुए उन्होंने सभी संकायाध्यक्षों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि सभी प्रायोगिक परीक्षाएँ निर्धारित समय पर आयोजित हों। कुलपति ने यह भी जोर दिया कि प्रायोगिक कक्षाओं के लिए प्रयोगों का एक संग्रह (पूल) तैयार किया जाए व स्नातक परास्नातक स्तर के अनुरूप प्रायोगिक शिक्षण सुनिश्चित किया जाए।इसके साथ ही, उन्होंने यह भी चर्चा की कि प्रायोगिक परीक्षाओं को ऑनलाइन आयोजित करने की संभावनाओं का मूल्यांकन किया जाए।
यह बैठक विश्वविद्यालय के शैक्षिक विकास को नई दिशा देने के लिए महत्वपूर्ण रही। इस बैठक में विश्वविद्यालय के विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, एवं संबद्ध महाविद्यालयों के प्राचार्यों सहित कुलसचिव डॉ. मंगल सिंह मंद्रवाल, संकायाध्यक्ष एकेडमिक्स व निदेशक आई.क्यू.ऐ.सी. प्रो. संतोष कुमार, डॉ. युगल जोशी, डॉ. उमंग सैनी उपस्थित रहे।