@. बैठक… ★. जिला योजना में विभाग ऐसे प्रस्ताव रखें जो जन उपयोगी हों। तथा इसी वित्तीय वर्ष में पूर्ण होकर जनता को उनका शत प्रतिशत लाभ मिले। ★. जिला योजना की गाइडलाइन के अनुरूप ही करें कार्य: जिलाधिकारी रिपोर्ट (चन्दन सिंह बिष्ट) “स्टार खबर”

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चम्पावत:

जिलाधिकारी नवनीत पांडे की अध्यक्षता में सोमवार को जिला कार्यालय सभागार में जिला योजना 2025-26, संरचना की तैयारी के संबंध में विभागीय अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई जिलाधिकारी ने पिछली जिला योजना की समीक्षा कर कहा कि वित्तीय वर्ष 2025- 26 की जिला योजना के अंतर्गत निर्मित योजनाओं हेतु धनराशि का प्राविधान करते समय मितव्यवता को ध्यान में रखये हुए कार्य किए जाए।उन्होंने कहा कि जिला योजना के अंतर्गत स्थानीय स्तर पर किये जा रहे नवाचार कार्यक्रमों को लेना आवश्यक है। जिससे लोगों को योजना का बेहतर लाभ मिले।
बैठक में जिलाधिकारी ने लोनिवि को निर्देश दिए कि जिन ग्रामीण क्षेत्रों तक सड़क नहीं पहुंची है वहां जिला योजना अंतर्गत नई सड़के बनने पर कार्य करें। इसलिए नई सड़को के प्रस्ताव लें। चूकि 2025 उत्तराखंड का रजत जयंती वर्ष है इसलिए यह आवश्यक है कि जनपद के प्रत्येक गांव को सड़क मार्ग से जोड़ा जाए और जनपद को वास्तव में आदर्श जनपद बनाया जाए। जिलाधिकारी ने पेयजल विभाग को निर्देश दिए कि जनपद में जिन जिन क्षेत्रों में पेयजल की समस्या है वहां जल संस्थान नए हैंडपंप लगाए। उन्होंने पेयजल व जल संस्थान को निर्देश दिए कि जिला योजना अंतर्गत नवीन व औचित्य पूर्ण प्रस्ताव लाए। जिससे लोगों की पेयजल की समस्या का समाधान हो सके। जिलाधिकारी ने कहा कि पुराने हैंडपंपों को सोलर हैंड पंप में परिवर्तित करने हेतु भी प्रस्ताव तैयार कर जिला योजना में प्राविधान करें।
उन्होंने कहा कि दोनों विभाग पेयजल व जल संस्थान नई जल नीति को लागू करें। साथ ही विभागीय राजस्व बढ़ाने हेतु यूजर चार्ज लें। जिलाधिकारी ने कहा कि दोनों विभाग जिले के जिन क्षेत्र में पेयजल की अधिक किल्लत है और वर्तमान में टैंकर या अन्य वैकल्पिक व्यवस्था से पेयजल की आपूर्ति की जा रही है उन क्षेत्रों में पेयजल की स्थाई समाधान हेतु योजनाएं प्रस्तावित करें।
जिलाधिकारी ने सभी विभागों को जिला योजना की गाइडलाइन के अनुरूप ही कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने सिंचाई विभाग को निर्देश दिए की नई नहरो के प्रपोजल लाये तथा पुनर्निर्माण के कार्य, बाढ़ सुरक्षा के कार्य व नगरों की मरम्मत तथा सुधारीकरण आदि के कार्य आपदा मद से कराए जाए। उन्होंने कहा पारंपरिक कृषि के हेतु काश्तकार के अनुरूप ही नहर बनाई जाए। इस हेतु कृषि अधिकारी से समन्वय स्थापित करते हुए सूचना संकलित कर उसी के अनुरूप कार्य करें। इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिए की जनपद के ध्वस्तिकरण वाले विद्यालय, लघु मरम्मत व वृहद मरम्मत व पूर्णतः ठीक विद्यालयों की स्थिति की सूची उपलब्ध कराए। वृहद मरम्मत वाले विद्यालयों के कार्य राज्य सेक्टर से कराए जाए। केवल कक्षा कक्ष निर्माण कार्यों पर जोर न देते हुए पूर्व में निर्मित कक्षा कक्षों को बेहतर बनाएं। पिछले लंबित प्रोजेक्ट्स को गुणवत्तापूर्ण पूरा करें। विद्यालयों में ऐसे रीडिंग रूम के प्रपोजल बनाए जहां सभी बच्चे स्कूल के बाद भी पढ़ सके। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार सिंह, अपर जिलाधिकारी जयवर्धन शर्मा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ देवेश चौहान, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग एमसी पलड़िया, अर्थ एवं संख्याधिकारी दीप्त कीर्ति तिवारी, अधिशासी अभियंता जल संस्थान बिलाल युनुस, जिला शिक्षा अधिकारी प्रकाश सिंह जनपंगी, अधिशासी अभियंता पेयजल निगम वी के पाल, अधिशासी अभियंता सिंचाई व लघु सिंचाई सहित अन्य उपस्थित रहे।