गरीबों की शिक्षा …..पिछली सरकार को कोसने वाली विधायक सरिता आर्या पद पर आते ही. हो गयी गरीबों की विरोधी….अभिनव स्कूल के समायोजन से बेतालघाट की जनता में रोष……बड़े आंदोलन की तैयारी…

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नैनीताल – गरीबों की शिक्षा के लिए राज्य सरकार कितनी संवेदनशील है इसका जीता जागता उदाहरण नैनीताल के बेतालघाट में देखने को मिला है, गरीब जनता के लिए बने बेतालघाट के राजीव गांधी अभिनव विद्यालय को राजकीय इंटर कालेज बेतालघाट में समायोजन करने के आदेश जारी हो गए हैं। लेकिन खास बात ये है कि विधायक सरिता आर्या ने पिछले साल सरकार को इस समायोजन के खिलाफ पानी पी पी कर कोस रही थी लेकिन खुद विधायक बनकर करीब ढाई महीने में जनता के खिलाफ ऐसा आदेश कराने में सफल हो गयी है। अब स्थानीय लोगों में विधायक सरिता आर्या से लेकर शिक्षा मंत्री और सरकार के खिलाफ नाराजगी है। सचिव शिक्षा के बाद निदेशक शिक्षा ने आदेश जारी किया है,वहीं करीब 7-8 कर्मचारी भी बेरोजगार होने की कगार पर पहुंच गए हैं।

गरीबों के लिए बने थे राज्य में 4 स्कूल …

दरअसल साल 2015 में राज्य सरकार ने सूबे में 4 राजीव गांधी अभिनव विद्यालय खोले थे ये उन बच्चों बेतालघाट में 6 से 12 तक क्लास लगनी थी लेकिन 10वीं के बाद इन छात्रों को राजीव गांधी स्यात कोटाबाग जाना पड़ता था। इस स्कूल में ब्लाक के उन गरीबों को अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाया जाता था जो एधवी छात्र थे और प्राइवेट स्कूलों के पढ़ने के लिए पैसा इनके पास नही होता था। इन आवासीय स्कूलों में गरीब छात्रों को रहने खाने के साथ पठन पाठन निःशुल्क होता है।

कहाँ अब ब्लाक के गरीब बच्चों के लिए अंग्रेजी शिक्षा…

दरअसल पिछली सरकार में इस स्कूल के संयोजन की तैयारी थी लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के बाद इसको टाल दिया गया।उस वक्त कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष ने शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे को पत्र लिखकर इस स्कूल के समायोजन को रोकने की मांग की थी। हालांकि बीजेपी में जाते ही सरकार को कोसने वाली विधायक सरिता आर्या भी इस समायोजन को नहीं रोक सकी। वहीं राजीव गांधी अभिनव विद्यालय के संयोजन का क्षेत्र में विरोध शुरू हो गया है। ग्राम प्रधान संगठन के सचिव शेखर दानी ने कहा कि सरकार गरीबों से बेहतर शिक्षा छीनने का काम कर रही है और ब्लाक के गरीब परिवारों के बच्चों के लिए बने अंग्रेजी माध्यम के स्कूल का संयोजन करना निंदनीय है। वहीं सरकार के इस फैसले का बालम बोहरा समेत अभिभावकों और स्थानीय जनता में रोष है और इस निर्णय का विरोध किया है