थोपे हुए पुराने अँग्रेजी कानूनों का हुआ अंत..अब तीन प्रमुख कानूनों में हुआ बदलाव..मिलेगा आमजन को न्याय…
आज संसद के शीतकालीन सत्र के 13वें दिन लोकसभा में देश की आपराधिक न्याय प्रणाली से जुड़े 150 साल पुराने तीन कानूनों में बड़ा फेरबदल व संशोधन करने का बिल पेश किया गया।आज विपक्ष के कुल 97 सांसदों की गैर-मौजूदगी में नए क्रिमिनल बिल पर चर्चा हुई।केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने वक्तव्य में बताया कि चर्चा के बाद उक्त बिलों को पास कर दिया गया। नए क्रिमिनल बिलों को अब राज्यसभा के समक्ष रखा जाएगा। वहां से पास होने के बाद इसे मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा।जिसके बाद यह तीन कानून अमल में आ जाएंगे।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इस ऐतिहासिक सदन में हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली चलाने वाले पुराने 3 कानून प्रमुख रहे हैं। उन तीनों कानूनों को बदलने के लिए पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीयता, भारतीय संविधान और भारत की जनता की चिंता करने वाले बहुत आमूल-चूल परिवर्तन करने के विधेयक पेश किए गए है।आपको बता दें कि भारतीय दंड संहिता कानून 1860 में बना था।लेकिन अब उसकी जगह राष्ट्रपति की संस्तुति के बाद भारतीय न्याय संहिता 2023, दंड प्रक्रिया संहिता सी.आर.पी.सी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 व भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 की जगह भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 अमल में आ जाएंगे।
अब पुराना राजद्रोह कानून नहीं रहेगा इसे देशद्रोह की श्रेणी में रखा जाएगा..मॉब लिंचिंग में मिलेगी फांसी..हिट एंड रन केस में मिलेगी 10 साल की सजा..18 से कम उम्र की लड़की से रेप में आजीवन कारावास और फाँसी का होगा प्रावधान…
केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने सदन में वक्तव्य देते हुए कहा कि आतंकवाद की व्याख्या अब तक किसी भी कानून में नहीं थी। लेकिन पहली बार अब मोदी सरकार आतंकवाद को व्याख्यायित करने जा रही है।नए बिल में ‘राजद्रोह’ की जगह ‘देशद्रोह’ शब्द का इस्तेमाल किया गया है।भारत देश में लोकतांत्रिक देश में सरकार की आलोचना तो जायज़ है पर अगर कोई देश की सुरक्षा से खिलवाड़ व संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का काम करेगा तो उसके खिलाफ निश्चित कार्रवाई होगी।
भारतीय नागरिक संहिता 2023 विधेयक में 18, 16 और 12 साल की उम्र की बच्चियों से रेप में अलग-अलग सजा का प्रावधान किया गया है। 18 से कम उम्र की लड़की से रेप में आजीवन कारावास और फाँसी का प्रावधान होगा।इसके साथ ही 18 साल की लड़की के साथ रेप में शामिल नाबालिग पर भी भारतीय नागरिक संहिता 2023 के प्रावधानों के तहत कानूनी कार्रवाई होगी।
साथ ही संगठित अपराध की भी व्याख्या की गई है। इसमें साइबर क्राइम, मानव तस्करी, आर्थिक अपराधों का भी जिक्र है। गैर इरातन हत्या को दो हिस्सों में बांटा गया है। अगर गाड़ी चलाते वक्त हादसा होता है और आरोपी अगर घायल को पुलिस स्टेशन या अस्पताल ले जाता है तो उसे कम सजा दी जाएगी। हिट एंड रन केस में 10 साल की सजा मिलेगी। डॉक्टरों की लापरवाही से होने वाली हत्याओं को गैर इरादतन हत्या में रखा गया है। इसकी भी सजा बढ़ गई है। मॉब लिंचिंग में फांसी की सजा होगी। स्नैचिंग के लिए पहले कानून नहीं था लेकिन इसके लिए भी अब कानून बन गया है।