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संपादकीय संजय नागपाल की कलम से

नैनीताल – 2022 विधानसभा चुनावों में उत्तराखंड में भाजपा ने पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई थी पर पूर्व घोषित मुख्यमंत्री उम्मीदवार पुष्कर सिंह धामी अपनी खटीमा विधानसभा से चुनाव हार गए थे। लेकिन केंद्रीय हाई कमान ने धामी के चुनाव हारने के बाद भी पुनः उनकी मुख्यमंत्री पद पर ताजपोशी कर दी।संविधान के तहत अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को छः माह के भीतर पुनः विधानसभा चुनाव के लिए उतरना होगा। चंपावत से चुने हुए भाजपा नेता कैलाश गहतोड़ी ने पुष्कर सिंह धामी के लिए विधानसभा से इस्तीफा देकर उनके चम्पावत सीट से विधानसभा चुनाव लड़ने का मार्ग प्रशस्त किया।

चुनाव आयोग ने की मुख्यमंत्री धामी की अग्नि परीक्षा की तिथि घोषित…
चंपावत उपचुनाव के लिए 31 मई को मतदान होगा और 3 जून को आएंगे नतीज़े
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को राज्य विधानसभा का सदस्य होना जरूरी है..इसीलिए उनके लिए रिक्त की गई चंपावत विधानसभा सीट पर मतदान की तिथि चुनाव आयोग द्वारा घोषित कर दी गई है।

 

उत्तराखंड में टीम भाजपा चुनाव की तैयारीयों में बहुत पहले से ही जुट गई थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं चंपावत में रैलियों को संबोधित कर चुके हैं।और जनहित में चुनावीं घोषणाएं भी कर चुके हैं।अब चुनाव आयोग ने इस सीट पर मतदान की तिथि की घोषणा कर दी है। जिसके बाद उक्त विधानसभा क्षेत्र में आचार संहिता लागू हो गई है।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की परीक्षा….कांग्रेस तैयारी नहीं

आपको बता दे कि वर्ष 2017 के चुनावों में भी पुष्कर सिंह धामी ने खटीमा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था।जिसमें उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी काँग्रेस के भुवन कापड़ी को महज़ 2700 वोटों से शिकस्त दी थी। विधानसभा चुनाव 2022 में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपनी सीट खटीमा से चुनाव हार गए थे। उन्हें भुवन कापड़ी ने 6951 वोटों से हराया था। खटीमा सीट पर कांग्रेस ने पुष्कर सिंह धामी का सीएम चेहरा होने के बावजूद उन्हें कड़ी टक्कर दी थी। अब उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी को 6 महीने के भीतर कहीं से चुनाव जीतकर विधानसभा का सदस्य बनना होगा तभी वो मुख्यमंत्री के पद पर बने रह सकते हैं।
चुनाव आयोग 4 मई को चंपावत चुनाव को लेकर नोटिफिकेशन जारी करेगा और नॉमिनेशन की आखिरी तारीख 11 मई तथा नामांकन वापस लेने की तारीख 17 मई तय की गई है।
कुलमिलाकर प्रमुख विपक्षी दल काँग्रेस ने संदर्भ में अपने पत्ते अभी तक नही खोले हैं।अब देखना यह होगा कि विपक्षी पूर्व घोषणानुसार मजबूती से अपना दमदार उम्मीदवार जल्द उतारेगी या फिर मित्र विपक्ष की भूमिका में रहकर केवल कोरी बयानबाज़ी कर वाक ओवर दे देगी…