सांसत में भाजपा सांसद…खुल गया एक रेप का पुराना मामला…
भाजपा के वरिष्ठ नेता व बिहार से तीन बार सांसद रहे शाहनवाज हुसैन पर एक पुराने रेप मामले में एफ.आई.आर दर्ज करने के दिल्ली उच्च न्यायालय ने आदेश दिए हैं।
आखिर..क्या है यह मामला…
भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन के खिलाफ एक महिला ने जून 2018 में शिकायत दर्ज कराई थी।जिसमें शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि भाजपा नेता ने अप्रैल 2018 में उसे अपने छतरपुर स्थित फार्महाउस पर बुलाया और कोल्ड ड्रिंक में कुछ नशीला पदार्थ मिलाकर उसे पिला दिया। इसके बाद उसके साथ नशे की हालत में दुष्कर्म हुआ।
इस मामले में जून 2018 को पहली बार शिकायत दर्ज हुई थी। हालांकि, एफआईआर दर्ज करने के निचली अदालत ने आदेश 2022 में दिए गए। इस बीच मामले में उच्च न्यायालय दिल्ली ने शाहनवाज़ हुसैन पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश को यथावत जारी रखा।अब शाहनवाज ने अपने खिलाफ दिए गए दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने सुप्रीम कोर्ट का रास्ता अख्तियार किया है।
किस बिनाह पर उच्च न्यायालय ने एफआईआर दर्ज करने के आदेश को जारी रखा..?
मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि पुलिस कमिश्नर को महिला की ओर से जो शिकायत भेजी गई वह एक संज्ञेय अपराध की गंभीरता को दर्शाती है। कोर्ट ने कहा कि मामले में पुलिस एस.एच.ओ को शिकायत मिलते ही एफ.आई.आर दर्ज करनी चाहिए थी। दिल्ली हाईकोर्ट की जज जस्टिस आशा मेनन ने पुलिस को फटकारते हुए कहा कि एफ.आई.आर दर्ज करने में अनिच्छा दिखाई गई। उन्होंने पुलिस को निर्देश दिए कि जांच पूरी होने के बाद उसे सी.आर.पी.सी की धारा 173 के तहत तीन महीने के अंदर निर्धारित प्रारूप में रिपोर्ट देनी होगी।
शाहनवाज़ हुसैन के वकील सिद्धार्थ लूथरा का मामले में कथन…
शाहनवाज हुसैन के वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा था कि भाजपा नेता के खिलाफ एफ.आई.आर दर्ज कराने का फैसला पूरी तरह गलत है। क्योंकि शिकायतकर्ता और शाहनवाज के भाई के बीच कुछ विवाद चल रहा है। इसी विवाद में शाहनवाज को भी घसीटा जा रहा है।और रेप का जो समय बताया गया है उसमें भी शाहनवाज़ हुसैन व शिकायतकर्ता की मोबाइल लोकेशन भी मैच नही खाती है।
अब मामला सर्वोच्च अदालत तक पहुंच गया है।इसलिए अगले हफ़्ते का देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट संबंध में क्या निर्णय लेता है..?